डांग, स्यूंसाल गांव में बादल फटने से भारी तबाही, किंवाड़ी, जैंती, डडोली गांव में खेत, पुल बहे
चौथान क्षेत्र में अतिवृष्टि से जनजीवन अस्त व्यस्त
जयन्त प्रतिनिधि।
थलीसैंण : बीती बुधवार सांय पांच बजे से रात्रि आठ बजे तक अतिवृष्टि से चौथान क्षेत्र में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। चौथान क्षेत्र के डांग, स्यूंसाल गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। किंवाड़ी, जैंती, डडोली गांव में खेत, पुल बह गए है। गनीमत है की अतिवृष्टि से कोई जन हानि नहीं हुई है, परन्तु निजी एवं सार्वजनिक सम्पति को खासा नुकसान हुआ है। क्षेत्र को थैलीसैण-नागचुला से जोड़ने वाली मुख्य सड़क जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित है।
चौथान पट्टी के डांग और स्यूंसाल गांव में दो जगह बादल फटने से बड़े पैमाने पर नुकसान की सूचना है। बीती बुधवार देर शाम सात बजे बादल फटने से डांग गांव के दो गदेरों में उफान आ गया और गांव दोनों तरह से बाढ़ से घिर गया। जिससे आधा दर्जन के करीब घरों में मलबा भर गया। एक घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त है और ग्रामीणों को रात को गांव के स्कूल में शरण लेनी पड़ी। बाढ़ से गांव के कई रास्तों, शौचालयों, गोशालाओं को नुकसान की सूचना हैं। ग्राम प्रधान दामोदर नेगी के अनुसार बादल फटने से आये सैलाब में दस के करीब पैदल पुलिया पूरी तरह से बह गई हैं। वहीं बड़ी संख्या में डांग और किंवाड़ी गांव के उपजाऊ खेत धान, झंगोरा, कौदा की फसल समेत बाढ़ में बह गए हैं और बड़ी संख्या में खेतों में मलबा भरने से फसल चौपट हो गयी है। डांग के समीपवर्ती गांव जैंती में भी अतिवृष्टि से घरों, गौशालाओं और खेतों को नुकसान हुआ है। डांग के गदेरों के उफान ने किंवाड़ी गांव होते हुए निचले इलाकों में भारी तबाही मचाई है। किंवाड़ी निवासी रंजीत सिंह की दो भैसों के भी बाढ़ में बहने की सूचना है। इस बाढ़ से क्षेत्र में प्रसिद्ध सांखेश्वर धाम मंदिर के एक हिस्से को नुकसान हुआ है। मंदिर तक जाने वाली पैदल पुलिया भी बाढ़ में बह गयी है।
स्यूंसाल गांव में फिर फटा बादल
वहीं मूसलाधार बारिश के बीच बुधवार शाम लगभग साढ़े सात बजे स्यूंसालग गांव के मल्या गदेरे में बादल फट गया। जिससे मुतरखाल से लेकर तैल्या शेरा तक सैकंडों पेड़, खेत फसल समेत बाढ़ में बह गए। अतिवृष्टि से गांव के कई अन्य गेदरों में भीषण उफान से कई जगह भूस्खलन हुआ, जिससे बड़े पैमाने में गांव की जमीन, खेत और फसल कटाव और बहने के चलते तबाह हो गए। गांव के दो बिजली के खम्बे गिर गए हैं, एक पैदल पुलिया भी बाढ़ की चेपट में आने से क्षतिग्रस्त हैं। इसके अलावा गांव में पुश्ते गिरने से तीन घरों पर गिरने का खतरा मंडरा रहा है और एक दर्जन से ज्यादा गौशालाएं अनेक पैदल रास्ते भी आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
विभागीय लापरवाही की मार झेल रहे स्यूंसाल के ग्रामीण
गौरतलब है कि सितम्बर 2021 में भी स्यूंसाल गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची थी। पिछली आपदा में हुए नुकसान के लिए प्रभावित ग्रामीणों को प्रशासन की तरह से कोई खास आर्थिक मदद नहीं मिली। दूसरी तरफ, तीन साल से अधिक समय होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने गांव में बनी नई सड़क पर जल निकासी, पुलिया, कल्वर्ट निर्माण नहीं किया है। नई सड़क बनने के दौरान ठेकेदार ने गांव के गदेरों को मलबे से पूरी तरह पाट दिया था। अब ये मलबा बरसात के दौरान गांव के घरों, खेतों को बार-बार भारी नुकसान पहुंचा रहा है। ग्रामीणों ने कई बार लिखित में इस समस्या के बाबत लोक निर्माण विभाग को अवगत किया है। परन्तु विभाग द्वारा इस दिशा में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिससे ग्रामीण स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की उदासीनता पर खासे नाराज हैं।
चौथान के डडोली गांव में भी भारी नुकसान
अतिवृष्टि से चौथान के डडोली गांव में भी खेतों, फसलों, रास्तों को नुकसान की सूचना है। डडोली गांव में एक पुलिया भी नाले में आई बाढ़ से बह गई है। डांग के ग्रामीणों ने गुरूवार सुबह पांच बजे ही थैलीसैंण प्रशासन को आपदा की सूचना दे दी थी। इसके बाद सुबह लगभग दस बजे आपदा विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम किम्वादी होते हुए डांग गांव पहुंची और बादल फटने से हुए नुकसान का आंकलन कर रही है। जैंती दौरे के उपरांत यह टीम स्यूंसाल गांव पहुंचेगी।