सड़क पर खड़े भारी वाहन, नींद में सरकारी सिस्टम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : शहर में यातायात पुलिस को सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से खड़े भारी वाहन नजर नहीं आ रहे। नतीजा यह भारी वाहन कब किसकी जिंदगी पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। पूर्व में हुए हादसों के बाद भी सिस्टम सुध लेने को तैयार नहीं है।
गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में शायद ही कोई ऐसी सड़क हो, जहां आपको सड़क किनारे खड़े भारी वाहन न दिखाई दें। सुबह से शाम तक सड़क किनारे खड़े यह भारी वाहन कब-किसकी जिंदगी पर भारी पड़ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ माह पूर्व कौड़िया से मोटाढांक को जाने वाले मार्ग पर भारी वाहन की चपेट में आने से स्कूटी सवार की मौत हो गई थी। वहीं, देवी रोड में भी इसी तरह का हादसा देखने को मिला। दरअसल, सड़क किनारे खड़े भारी वाहनों के कारण अन्य वाहनों को आवागमन करने के लिए पर्याप्त मार्ग नहीं मिल पाता। जिसके कारण हर समय दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है।
इस स्थानों पर बिगड़ी व्यवस्था
कौड़िया से नजीबाबाद चौराहे के लिए आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह भारी वाहनों की कतार लगी रहती है। कौड़िया से मोटाढांक को जाने वाले मार्ग पर भी यही स्थिति बनी हुई है। नजीबाबाद से देवी रोड को जाने वाले मार्ग पर भी मोटर नगर के समीप भारी वाहन खड़े रहते हैं। ऐसे में सबसे अधिक खतरा स्कूली बच्चों व बुजुर्गों को बना रहता है। पूर्व में शहरवासी कई बार अधिकारियों से इस ओर ध्यान देने की भी मांग उठा चुके हैं। लेकिन, आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।