जड़ी बूटी शोध संस्थान ने नई शिक्षा प्रणाली के तहत क्षमता विकास की पहल शुरू की

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संस्थान ने महाविद्यालय के साथ ही विभिन्न विभागों के साथ किया एमओयू
जयन्त प्रतिनिधि।
चमोली : नई शिक्षा प्रणाली के तहत छात्र-छात्राओं की क्षमता विकास करने की मंशा से जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान मंडल, चमोली ने पहल की है। जिसके तहत गुरुवार को संस्थान ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोपेश्वर के साथ ही कृषि, उद्यान, सहकारिता, भेषज संघ सहित अन्य रेखीय विभागों के साथ एमओयू किया है। जिसके बाद अब जड़ी बूटी के कृषिकरण के प्रसार के साथ ही शोध करने वाले छात्रों को सुगमता से जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान के मंडल स्थित मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक और मुख्य विकास अधिकारी चमोली डा. अभिषेक त्रिपाठी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा प्रणाली में छात्रों के क्षमता विकास के लिए कार्यक्रमों का संचालन करने का प्रवधान किया गया है। जिसके तहत संस्थान की ओर से युवाओं को जड़ी-बूटी कृषिकरण और शोध कार्यों हेतु प्रशिक्षण प्रदान कर व्यवसायिक तौर पर युवाओं का क्षमता विकास किया जाएगा। कहा एमओयू के तहत राजकीय महाविद्यालय में वनस्पति विज्ञान, जन्तु विज्ञान और रसायन विज्ञान के छात्रों प्रशिक्षण के साथ ही शोध कार्य में सहयोग किया जाएगा। इसके साथ ही जिला प्रशासन के अन्य विभागों को एमओयू से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य युवाओं की क्षमता विकास के साथ स्वरोजगार सृजन करना है। बताया कि संस्थान से प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को स्वरोजगार के लिए भी सहयोग प्रदान किया जाएगा। इस मौके पर जड़ी-बूटी सलहाकार बोर्ड के उपाध्यक्ष बलवीर घुनियाल और भुवन विक्रम डबराल ने कहा कि जड़ी-बूटी शोध संस्थान की ओर से राज्य में जड़ी बूटियों के कृषिकरण से ग्रामीणों को आर्थिक मजबूती प्रदान की जा रही है। जिससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार आया है। बताया कि राज्य में संस्थान की ओर से 20 हजार किसानों के साथ नौ सौ हेक्टयर भूमि पर जड़ी का कृषिकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य विभागों की ओर से बड़े पैमान पर कूट, कुटकी, अतीस जैसी जड़ी बूटियों का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान की ओर से महाविद्यालय के साथ किया गया अनुबंध जड़ी बूटी कृषिकरण और शोध कार्यों को बढावा देने के लिए उठाया गया बेहतर कदम है। इस दौरान संस्थान के वैज्ञानिक डा. एके भंडारी ने छात्र-छात्राओं को जड़ी बूटी के उत्पादन, गुण, उपयोग और व्यावसायिक उपयोग के विषय में विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर के प्रभारी प्राचार्य डा. दिनेश सती, परियोजना निदेशक आनंद भाकुनी, कृषि अधिकारी जेपी तिवारी, मुख्य उद्यान अधिकारी नितेंद्र सिंह, डा. प्रियंका राणा, डा. रुपेश कुमार, डा. दिनेश गिरी, संस्थान के वैज्ञानिक डा. सीपी कुनियाल, डा. डीएस बिष्ट, डा. एके भंडारी, दिनेश तिवारी, मनोज जुयाल, विद्यासागर, देवेंद्र बिष्ट, पुनीत पुरोहित, संजीव बिष्ट, कलम सिंह झिंक्वाण, भेषज संघ सचिव विवेक कुमार सहित अन्य अधिकारी व छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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