प्रयागराज में साधु-संतों से करेंगे हिमालय-गंगा बचाने की अपील

Spread the love

नई टिहरी। प्रयागराज महाकुंभ को लेकर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने सन्त समाज से अपील की है, कि यह महाकुंभ जो 144 वर्षों के उपरान्त आयोजित हो रहा है। इस महाकुंभ में हिमालय और गंगा बचाने का संकल्प लेने की आवश्यकता है। जिससे कि आने वाली पीढ़ियां भी कुंभ स्नानों का लाभ ले सकें। विधायक किशोर ने कहा कि हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में तभी ये सनातन धर्म के आयोजन हो सकते हैं। जब हिमालय से निकलने वाली पवित्र सरिताओं में पवित्र जल विद्यमान रहेगा। यह तभी संभव होगा जब हिमालय सुरक्षित रहेगा। टिहरी के देव प्रयाग से लेकर गंगा सागर तक महत्त्वपूर्ण धार्मिक कार्यक्रमों में हिमालय से निकलने वाली नदियों का अभूतपूर्व योगदान है। ऋषिकेश, हरिद्वार, गढ़ मुक्तेश्वर, प्रयागराज, काशी और गंगा सागर की गरिमा और गौरव में मां गंगा ही कारक है। इन तीर्थों की गरिमा तभी तक है जब तक गंगा में अविरलता और निर्मलता है और जल विद्यमान है। आज भी टिहरी बांध से 200 क्यूसेक गंगा जल प्रयागराज महाकुंभ के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने प्रयाग राज महाकुंभ में पहुंचे सभी साधु-सन्त-तपस्वी जनों से अपील की है कि उन्होंने हिमालय में तपस्या कर प्रभु और जीवन के मर्म का ज्ञान प्राप्त किया है। आज हिमालय और गंगा उस ज्ञान की दक्षिणा स्वयं को बचाने के लिए मांग रही है। उपाध्याय ने कहा कि लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन प्रयाग कुंभ में अनुमानित है। 80 करोड़ हाथ अगर हिमालय-गंगा की रक्षा में उठ गए तो प्रयाग राज से पूरे विश्व को एक सकारात्मक संदेश जायेगा। बताया कि वह एक शिष्टमंडल अमेठी-रायबरेली से प्रयाग राज भेज रहे हैं। जो संत समाज से इस संबंध में प्रार्थना करेगा और फरवरी के प्रथम सप्ताह वे स्वयं भी पहुंचकर संत समाज से गंगा और हिमालच बचाने के लिए कदम उठाने की अपील करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *