हिमवीरों ने पांच घंटे मशक्कत कर बुझाई आग
उत्तरकाशी। जनपद की गंगा घाटी और यमुना घाटी के जंगलों में लगातार आग भड़कती जा रही है। बाड़ाहट रेंज के भेंद्रडांडा के जंगल में भड़की आग पर भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की 35वीं वाहिनी के हिमवीरों ने काबू पाया। 35 हिमवीर वन विभाग के कर्मियों के साथ पांच घंटे तक आग बुझाने में जुटे रहे। बता दें कि 15 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर तक जनपद के तीन वन प्रभागों में 35 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल चुका है।
उत्तरकाशी के जंगलों में पिछले कई दिनों से आग लगी हुई हैं। बीते आठ नवंबर को डुंडा रेंज के रनाड़ी गांव में जंगल की आग से एक छानी जलकर खाक हुई। लगातार जंगल की आग की घटनाओं को देखते हुए प्रभागीय वनाधिकारी दीप चंद आर्य ने आमजन से अपील भी की। लेकिन, उसके बाद भी आग की घटनाओं में कमी नहीं आई। बीते सोमवार को बाड़ाहाट रेंज के महिडांडा क्षेत्र में आग लगी तथा भेंद्रडांडा के जंगल तक फैल गई। वन विभाग जब आग पर काबू नहीं पा सकता तो विभाग के अधिकारियों ने आइटीबीपी की 35वीं वाहिनी के सेनानी अशोक सिंह बिष्ट से मदद मांगी। उन्होंने सहायक सेनानी वेद प्रकाश एवं उप निरीक्षक शेषराज के नेतृत्व में 35 हिमवीरों को आग बुझाने के लिए भेजा। जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और जंगल को जलने से बचाया। 35वीं वाहिनी के सेनानी अशोक सिंह बिष्ट ने बताया कि आपदा की घड़ी में मदद के लिए आइटीबीपी 24 घंटे तैयार है। इससे पहले 31 अक्टूबर को आइटीबीपी के निरीक्षक ओवरसियर रिजवानुल हक के नेतृत्व में 30 जवानों ने महिडांडा के विमलेश्वर और शिखरेश्वर मंदिर की आग बुझायी थी।