राजकीय कार्यों में हिन्दी का प्रयोग किया जाए
श्रीनगर गढ़वाल : संसदीय राजभाषा समिति की पहली उपसमिति द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड श्रीनगर का राजभाषा विषयक निरीक्षण किया गया। उपसमिति के 10 सदस्यीय दल का नेतृत्व संसद सदस्य राज्य सभा रामचन्द्र जांगडा ने किया।
इस दौरान हुई बैठक में एनआईटी, उत्तराखंड की ओर से निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी एवं प्रभारी कुलसचिव डॉ. धर्मेंद्र त्रिपाठी व संस्थान के राजभाषा प्रकोष्ठ के अधिकारियो ने भाग लिया। मौके पर समिति के सदस्यों ने एनआईटी में राजभाषा नीति संबंधी निर्देशों के अनुपालन एवं प्रगामी कार्यान्वयन हेतु किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। राजकीय कार्यों में हिन्दी के प्रयोग पर जोर दिया गया। निरीक्षण बैठक में सांसद जांगडा ने सभी सरकारी कार्यालयों को राजकीय कार्यों एवं क्रियाकलापों में राजभाषा हिन्दी के बेहतर प्रयोग द्वारा राजभाषा नीति संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन और राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों को शत प्रतिशत पूरा करने को कहा। एनआईटी निदेशक प्रो. अवस्थी ने संस्थान में राजभाषा हिंदी में किए जा रहे कार्यों एवं संस्थान की अन्य गतिविधियों व उपलब्धियों को पीपीटी के माध्यम से समिति के सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया। कहा एनआईटी में तकनीक और विज्ञान की गतिविधियों के साथ सरकार की राजभाषा नीति के प्रावधानों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए संस्थान में विशेषज्ञ व्याख्यान, प्रशिक्षण कार्यशाला जैसे विभिन्न प्रकार के प्रभावी कार्यक्रमों के माध्यम से संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को हिंदी लेखन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रभारी कुलसचिव डॉ. धर्मेंद्र त्रिपाठी ने समिति के समक्ष राजभाषा नीति संबंधी निर्देशों के अनुपालन के लिए संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साक्ष्य में दस्तावेज प्रस्तुत किए। (एजेंसी)