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लोसर के आखिरी दिन खेली आटे की होली

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उत्तरकाशी। जाड़ भोटिया समुदाय का प्रसिद्ध लोसर मेला आटे की होली खेल कर मनाया गया। मेले के अंतिम दिन जाड़ भोटिया समुदाय के लोगों ने रिंगाली देवी की डोली से सुख संपत्ति की मनौतियां मांगी। सोमवार सुबह सभी लोगों ने अपने घरों से पुराने झंडे उतारकर नए झंडे चढ़ाए। जिला मुख्यालय से 16 किमी. की दूरी पर स्थित वीरपुर डुंडा में जाड़ भोटिया समुदाय के लोसर पर्व में तीसरे दिन की सुबह लोगों ने अपनी धार्मिक आस्था के प्रतीक झंडों को बदलकर नए झंडे लगाए। उसके बाद पूरे डुंडा व बीरपुर गांव में आटे की होली खेली गई। समुदाय के युवकों और महिला पुरुषों के जत्थों ने एक दूसरे पर आटा लगाकर लोसर पर्व की शुभकामनाएं दी। तीन दिन तक चले इस आयोजन में पहली रात को समुदाय लोगों ने अतीशबाजी कर दीवाली के रूप में मनाया, जबकि दूसरा दिन हरियाली देकर दशहरे के रूप में मनाया गया। स्थानीय निवासी एवं भाजपा के जिला मंत्री शशीकांत नेगी ने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले में गांव से विभिन्न हिस्सों में बाहर रहने वाले समुदाय के अनेक लोग अपने घरों में पहुंचे। सोमवार को त्योहार के अंतिम दिन सभी ने आटे की होली खेलने के बाद वीरपुर गांव स्थित रिंगाली देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की और पारंपरिक वेशभूषा में सजकर नृत्य किए। इस मौके पर समुदाय ने रिंगाली देवी की डोली की विशेष पूजा अर्चना की और अपनी एवं क्षेत्र की सुख संपन्नता की कामना की। इसके बाद बौद्ध पंचांग के अनुसार शुरू होने वाले नए साल के लिए लोगों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं दी। इस मौके पर भगवान सिंह राणा, मनीष नेगी,ग्राम प्रधान वीरपुर सुनीता नेगी सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे।

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