न्यूनतम वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर डटी रहीं आशा कार्यकर्ता
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आशा कार्यकत्रियों ने 12 सूत्रीय मांगोें को लेकर तहसील परिसर में बुधवार को 49 वें दिन भी सरकार के खिलाफ धरना दिया। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। साथ ही मांगों के निस्तारण होने तक हड़ताल पर डटे रहने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा यह आशाओं के हक और सम्मान की लड़ाई है जिसे जरूर जीतेंगे।
आशा कार्यकर्ता पिछले 49 दिनों से सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम वेतन 21 हजार लागू करने, आशाओं को सेवानिवृत होने पर पेंशन देने, कोविड कार्य में लगी आशाओं को दस हजार रुपये कोरोना भत्ता एवं 50 लाख का जीवनबीमा व दस लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू करने, सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करने सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर रही हैं। रविवार को भी आशा कार्यकर्ताओं ने तहसील परिसर में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यूनियन की दुगड्डा ब्लाक अध्यक्ष प्रभा चौधरी ने कहा कि वर्ष 2006 से कार्यरत आशाओं का वेतन अभी तक निर्धारित नहीं किया है, जिससे उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। सरकार की ओर से मात्र दो हजार रूपये मानदेय दिया जा रहा है, महंगाई के इस दौर में इतने कम मानदेय में परिवार का भरण पोषण करने में दिक्कतें हो रही है। इस मौके पर अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी, सचिव रंजना कोटनाला, नीलम कुकरेती, रेखा, सीमा शाही, आशा, कल्पना काला, सुमित्रा भट्ट, संजू नेगी, अनीता घिल्डियाल, सुनीता, रोशनी जदली, विमला जोशी, हेमलता चौहान, ज्योति, विनीता काला, मीना रावत, कांति कंडवाल, रेनू आदि मौजूद थे।