आशाओं ने जागर लगाकर सरकार को जगाने की कोशिश की
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आशा कार्यकत्रियों ने 12 सूत्रीय मांगोें को लेकर तहसील परिसर में बुधवार को 46 वें दिन भी सरकार के खिलाफ धरना दिया। इस मौके पर आशाओं ने जागर लगाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि यह गूंगी बहरी सरकार है, सरकार आसानी से नहीं जागेगी। सरकार ने वादा किया था कि 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 20 दिन में शासनादेश जारी हो जायेगा, लेकिन सरकार ने 24 सितंबर तक कैबिनेट बैठक स्थगित कर दी है। उन्होंने कहा कि सरकार आशाओं की परीक्षा ले रही है। जल्द ही शासनादेश जारी नहीं किया गया तो आशाएं उग्र आंदोलन को बाध्य होगी।
संगठन की अध्यक्ष प्रभा चौधरी ने कहा कि वह डेढ़ माह से मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। जिससे आशाओं में आक्रोश पनप रहा है। उन्होंने सरकार जल्द से जल्द 21 हजार रूपये मानदेय करने, सरकारी कर्मचारी घोषित करने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का प्रावधान, 10 लाख का बीमा, 50 लाख का स्वास्थ्य बीमा, कोरोना काल में ड्यूटी के 10 हजार रूपये देने सहित 12 सूत्रीय मांगों पर शासनादेश जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक कार्यबहिष्कार जारी रहेगा। प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी, सचिव रंजना कोटनाला, गोदाम्बरी देवी, प्रमिला गुसांई, अनीता देवी, नीलम कुकरेती, राखी, कल्पना काला, पुष्पा, धनेश्वरी, गीता जदली, अनीता घिल्डियाल, विमला जोशी, मंजू नेगी, सुरभि, संजू रावत, हेमा, दीपा रावत, आशा ढौंडियाल, कुसुम, संपत्ति, कांति कंडवाल, विनीता काला आदि शामिल थे।