बंगाल को दिल्ली कैसे चला सकता है: ममता बनर्जी

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-सीएम ने किया ज्यादा से ज्यादा बांग्ला में बोलने का आह्वान
जलपाईगुड़ी/कोलकाता,केन्द्र के खिलाफ सीएम ममता बनर्जी तनी हुई है और वह लगातार एसआईआर का विरोध कर रही है। वहीं सीएम ममता बांग्ला भाषा की अस्मिता को लेकर मोर्चा सम्भाले हुईं है। एनआरसी नोटिस को लेकर शुरू से ही मुखर रही सीएम ममता बनर्जी ने साफ़ शब्दों में कहा कि बंगाल को दिल्ली नहीं, बंगाली चलाएगा। उत्तर बंगाल के सफर पर गई मुख्यमंत्री ने आज जलपाईगुड़ी में एक कार्यक्रम के दौरान जनता से आह्वान किया कि वे बिना घबराए और ज्यादा बंगाली में बातचीत करें। उन्होंने यह बयान पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों पर हो रहे कथित हमलों की पृष्ठभूमि में दिया है। सीएम ममता ने नेपाल में फंसे राज्य के लोगों से अपील की कि वे घबराएं नहीं, उन्हें जल्द सुरक्षित वापस लाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो प्रवासी मजदूर वापस बंगाल लौटेंगे, उन्हें सरकार की ओर से पांच हजार रुपये दिए जाएंगे और उनके बच्चों को नजदीकी स्कूल में दाखिला मिल सकेगा। जलपाईगुड़ी में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, मैं रोज अपमान झेलती हूं, क्योंकि मैं बंगाल का विकास चाहती हूं। साथ ही ममता बनर्जी ने कहा कि, नेपाल में फंसे पर्यटकों की स्थिति को मैं गंभीरता से ले रही हूं। मैं उन्हें यह कहना चाहती हूं कि जब तक हालात सामान्य न हो जाएं, वे थोड़ा इंतजार करें। हम इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं और जल्द ही आप सभी को वापस लाया जाएगा। मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह इस्तीफा युवाओं के उस आंदोलन के दबाव में दिया, जिसने पूरे नेपाल को राजनीतिक और सामाजिक रूप से हिला कर रख दिया है।प्रदर्शनकारियों ने कई बड़े नेताओं के घरों में आग लगा दी, राजनीतिक दलों के दफ्तरों पर हमला किया, संसद में तोड़फोड़ की और पूरी सरकार को हिला दिया। ओली सरकार ने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाए थे, जिसके बाद युवाओं ने यह आंदोलन शुरू किया। आंदोलन पहले ही दिन हिंसक हो गया था, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी। जलपाईगुड़ी में एक सरकारी सेवा वितरण कार्यक्रम के मंच से ममता ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि बंगाल को दिल्ली नहीं, बंगाली चलाएगा। आप हमें नियंत्रित नहीं कर पाएंगे। इसके बाद उन्होंने प्रवासी मजदूरों को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि हम पहले ही 24 हजार मजदूरों और उनके परिवारों को वापस ला चुके है। उनके पुनर्वास की व्यवस्था की है। उन्हें स्वास्थ्य साथी कार्ड का लाभ भी मिलेगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि देश का नेता वही होगा जो देश को समझेगा। जो जाति के आधार पर देश को बांटता है, वह देश का नेता नहीं हो सकता है।

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