अभिनेत्री हुमा कुरैशी अपनी दमदार अदाकारी के दम पर बालीवुड में अपनी एक खास पहचान बना चुकी हैं। न सिर्फ फिल्मों, बल्कि महारानी जैसी वेब सीरीज से वो ओटीटी पर भी सफलता के झंडे गाड़ चुकी हैं। पिछले दिनों अपनी सगाई को लेकर चर्चा में रहीं हुमा के नाम अब एक नई उपलब्धि जुड़ गई है। दरअसल, उन्हें बुसान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में फेस आफ एशिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
हुमा बुसान जैसे प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में फेस आफ एशिया सम्मान पाकर फूली नहीं समाईं। उन्होंने अपनी ये जीत उन छोटी लड़कियों को समर्पित की, जो सपने देखने की हिम्मत रखती हैं और ना को स्वीकार नहीं करतीं। हुमा ने कहा, ये पहला मौका है, जब मैं बुसान की मंच पर हूं। ये मेरे लिए बहुत खास है। दिल्ली में जन्मी एक छोटी सी बच्ची के लिए, जिसके पिता निजामुद्दीन बस्ती में पैदा हुए थे।
अभिनेत्री बोलीं, ये पुरस्कार खास है उस बेटी के लिए, जिसकी मां एक गांव में पैदा हुई है। मुझसे हमेशा कहा जाता था कि अभिनेत्री बनना मेरी जैसी लड़की के बस की बात नहीं तो ये देखकर न सिर्फ मुझे, बल्कि उन सभी छोटी बच्चियों को भी प्रेरणा मिलेगी, जिन्हें बताया गया है कि कुछ चीजें उनके लिए नहीं बनी हैं। ये उन सभी छोटी बच्चियों के लिए है, जो सपने देखने का हौसला रखती हैं और हिम्मत नहीं हारतीं।
बता दें कि हुमा की फिल्म बयान की स्क्रीनिंग बुसान में हो रही है। फिल्म से हुमा बतौर एग्जिक्यूिव प्रोड्यूसर भी जुड़ी हुई हैं। पावर, आस्था और सिस्टम की मिलीभगत के बीच फंसी ये एक महिला की मजबूत कहानी है, जिसे उस व्यवस्था का सामना करना होगा, जो उसे चुप कराने के लिए बनाई गई है। न्याय व्यवस्था के भीतर हुमा ने फिल्म में एक ऐसी महिला की भूमिका निभाई है, जो खुद से कहीं बड़ी ताकतों के खिलाफ है।
बिना किसी फिल्मी परिवार से आईं हुमा ने बालीवुड से लेकर हालीवुड और साउथ में भी अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर पर्दे पर अपनी खास छाप छोड़ी। अनुराग कश्यप के निर्देशन में बनी फिल्म गैंग्स आफ वासेपुर से हुमा ने बालीवुड में कदम रखा था। यहीं से उनकी किस्मत का दरवाजा खुला और उन्हें एक थी डायन, बदलापुर, डेढ इश्कियाऔर जाली एलएलबी 2 जैसी सफल फिल्मों से अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया।