स्टोन क्रशरों के खिलाफ अब भूख हड़ताल
काशीपुर। अवैध खनन और जल दोहन कर रहे स्टोन क्रशरों के खिलाफ ग्राम जुड़का में ग्रामीणों का धरना जारी रहा। जल एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति ने किसानों के साथ धरना स्थल पर महापंचायत की। इसमें शुक्रवार से दो लोगों के भूख हड़ताल पर बैठने का निर्णय लिया गया। साथ ही मांग पूरी न होने पर सात मार्च को डीएम कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी गई। जल एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति बीते एक सप्ताह से ग्राम जुड़का में अवैध खनन और जल दोहन पर क्षेत्र के तीन स्टोन क्रशरों के खिलाफ धरना दे रही है। बुधवार को भाकियू, भीम आर्मी और अन्नदाता संगठन ने भी पर्यावरण सुरक्षा समिति के साथ एसडीएम कार्यालय का घेराव कर धरना दिया था। देर रात एसडीएम से वार्ता के बाद ग्रामीणों व किसानों से एसडीएम कार्यालय गेट से धरना समाप्त कर दिया था।
गुरुवार को ग्रामीण ग्राम जुड़का में अपने निर्धारित धरना स्थल पर फिर से बैठ गये। इस दौरान हुई ग्रामीणों की महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि क्षेत्र के तीन स्टोन क्रशर पोकलैंड व जेसीबी की मदद से मानकों को ताक में रखकर सरकार के खनन नीति के आदेशों की आड़ में 80 से 100 फीट तक गहरे गड्ढे खोदकर खनन कर रहे हैं। इन गड्ढों में आठ से 10 इंच तक के दर्जनों पंप सेट लगाकर पानी आस पास की नदियों और नहरों में छोड़ा जा रहा है। यह पानी पीने योग्य नहीं है। यही नहीं क्रशरों के आसपास भूमिगत जलस्तर भी गिर रहा है। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने व कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने खोद गये गड्ढों को निकाले गये खनन से बंद करने की मांग की। ग्रामीणों ने मांग को लेकर शुक्रवार से दो लोगों के भूख हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया। चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग को नही माना जाता तो वह सात मार्च को रुद्रपुर जाकर डीएम कार्यालय का घेराव करेंगे। यहां भाकियू युवा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू, अन्नदाता किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह, जल एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष रेशम सिंह, होशियार सिंह, चरनजीत सिंह, सूरज प्रकाश, मोहन सिंह मोनू, गुरमुख सिंह, हरजीत सिंह, अमनप्रीत सिंह गुम्मन आदि मौजूद रहे।