नई दिल्ली बेंगलुरु से एक दिल दहला देने वाली घटना पिछले दिनों सामने आई, जिसमें एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर उसके शव को सूटकेस में छिपाया। इस मामले को लेकर कई और खुलासे हुए है।जानकारी में सामने आया कि यह मामला पहले आवेश में की गई हत्या माना जा रहा था। आरोपी राकेश ने अपनी पत्नी को थप्पड़ मारा, उसका मुंह बंद किया और चाकू से गले व पेट में वार किए। राकेश ने अपनी 32 वर्षीय पत्नी गौरी अनिल संबरेकर को घरेलू विवाद के दौरान चाकू से गोदकर मार डाला। पुलिस जांच में सामने आया कि उसने गौरी को जिंदा रहते हुए ही सूटकेस में डालने की कोशिश की थी, लेकिन सूटकेस का हैंडल टूट जाने के कारण वह उसे घर से बाहर नहीं ले जा सका। बाद में उसने शव को बाथरूम में खींचकर रखा। इतना ही नहीं, उसने शव को पानी की निकासी वाली जगह पर रखा ताकि खून आसानी से गटर में चला जाए। फॉरेंसिक विशेषज्ञों का मानना है कि गौरी उस समय तक जीवित थी, जब उसे सूटकेस में बंद किया गया। सूटकेस में म्यूकस के निशान मिले, जो इस बात का संकेत देते हैं कि वह मृत नहीं थी।बता दें कि राकेश और गौरी एक महीने पहले मुंबई से बेंगलुरु आए थे। राकेश को एक आईटी कंपनी में वर्क-फ्रॉम-होम नौकरी मिल गई थी, जबकि गौरी नई नौकरी की तलाश में थी। बुधवार रात दोनों के बीच कहासुनी हुई, जिसके बाद राकेश ने गौरी को थप्पड़ मार दिया। जवाब में गौरी ने रसोई का चाकू उठाकर उस पर फेंक दिया, जिससे उसे हल्की चोट लगी। गुस्से में आकर राकेश ने गौरी के गले और पेट में चाकू से वार कर दिया। पुलिस के अनुसार, गौरी ने बचाव के लिए संघर्ष किया था, जिसके निशान राकेश के शरीर पर पाए गए। हत्या के बाद राकेश ने घर की सफाई की और शव को सूटकेस में डालकर ठिकाने लगाने की योजना बनाई, लेकिन असफल रहा। इसके बाद उसने घर में ताला लगाकर रात 12:45 बजे अपनी होंडा सिटी कार से फरार हो गया। फरार होने के बाद राकेश ने अपने मोबाइल फोन को बंद कर दिया और पुणे के पास शिरवल पहुंचकर दोबारा चालू किया। वहां से उसने गौरी के भाई गणेश अनिल संबरेकर को फोन कर हत्या की बात बताई और फिर फोन बंद कर दिया। गणेश ने महाराष्ट्र पुलिस को सूचना दी, जिसने बेंगलुरु पुलिस को जानकारी दी। बेंगलुरु पुलिस जब राकेश के घर पहुंची तो ताला लगा हुआ था। जब दरवाजा तोड़ा गया, तो उन्हें अंदर कोई फांसी पर लटका नहीं मिला, बल्कि बाथरूम में रखे सूटकेस में गौरी का शव बरामद हुआ।
जिसके बाद पुलिस लोकेशन ट्रैक कर शिरवल पहुंची, जहां राकेश ने फिनाइल और कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश की थी। एक राहगीर की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी जान बचा ली गई।