भाषा बचेगी तो समाज बचेगा: नवानी
हल्द्वानी। यूओयू में मानविकी विद्याशाखा की ओर से भारतीय भाषा उत्सव कार्यक्रम-2023 आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि भाषाविद् लोकेश नवानी ने कहा कि यदि भाषा बची रहेगी तो समाज बचा रहेगा। उन्होंने कहा कि भाषा का विकास अपने परिक्षेत्र के अंदर रहकर ही हो सकता है। विवि के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में आयोजन संयोजक प्रो़ रेनू प्रकाश ने कार्यक्रम के लिए कुलपति प्रो़ ओपीएस नेगी का आभार जताया। विषय प्रवेश संयोजक ड़ शशांक शुक्ला ने विस्तृत रूप से कार्यक्रम की रूपरेखा एवं भारतीय भाषा उत्सव के बारे में चर्चा की। विशिष्ट वक्ता कुमाउनी भाषा प्रो़ प्रभा पंत, विशिष्ट वक्ता गढ़वाली भाषा ड़ अमिता प्रकाश, विशिष्ट वक्ता लोक भाषा आभा गर्खाल ने कुमाउनी और गढ़वाली के कवियों की रचनाओं का वाचन किया। निबंध और कविता प्रतियोगिताएं भी हुईं। निबंध में करीना जैनम, मुबारक रजा, अमरान अली और शबाना अव्वल रहे। कविता में मुबारक रजा, इमरान और शबाना ने बाजी मारी। प्रो़ गिरजा पांडे ने कहा कि भाषा उत्सव में संपूर्ण संस्ति की बात करनी चाहिए। यहां कुलसचिव प्रो़ पीडी पंत, ड़ नागेंद्र सिंह गंगोला, ड़ राजेंद्र कैड़ा, कुमार मंगलम, अनिल कार्की, ड़ पुष्पा, ड़ द्वीजेश, ड़ शैलजा, शहपर शरीफ, शाने अली, अफजल हुसैन, गुलाम जिलानी, ड़ नीरज तिवारी, ड़ राहुल पंत, ड़ प्रभाकर पुरोहित, राजेंद्र सिंह क्वीरा, भावना धौनी, रेनू भट्ट आदि मौजूद रहे।