श्रद्धा है तो भगवान, अन्यथा वह केवल पत्थर की मूरत:सौरभ सागर

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देहरादून()। पंचकल्याणक समिति, पुष्प वर्षा योग समिति एवं सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में मज्जिनेन्द्र आदिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर एवं जैन भवन गांधी रोड में तप कल्याणक और विभिन्न आध्यात्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम हषोल्लास से किए गए। जैन महामुनिराज सौरभ सागर के सानिध्य में शनिवार को तप कल्याणक, श्री जिनाभिषेक एवं नित्यर्चन, श्री जिनेंद्र महार्चना (विधान), मंत्र ध्वनि-ज्ञानयोगी, आदिकुमार विवाह, राजा नाभिराय दरबार, आदिकुमार राज्याभिषेक, षट्कर्म उपदेश, न्याय उपदेश, वैराग्य दर्शन, तीर्थंकर दीक्षा विधि, वैराग्य उद्बोधन, अंकन्यास, तप कल्याणक पूजा एवं हवन-आरती महोत्सव, श्री शास्त्रसभा का आयोजन हुआ। मुख्य संयोजक संदीप जैन के मुताबिक जैन अनुयायियों में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर काफी उत्साह नजर आ रहा है। देर शाम को भजन संध्या में दिल्ली के जैन भजन गायक दीपक रूपक जैन ने आकर्षक प्रस्तुति दी। आचार्य श्री सौरभ सागर महाराज ने मंगल प्रवचन में आशीर्वचन देते हुए कहा कि श्रद्धा है तो भगवान हैं, श्रद्धा नहीं तो वह केवल मूर्ति है। जब हमारी श्रद्धा उसमें प्रविष्ट होती है, तभी वह भगवान बन जाते हैं। इस मौके पर जैन भवन में चातुर्मास के दौरान विशिष्ट योगदान देने वाले सेवाधर्मियों का सम्मान किया गया। मीडिया कोर्डिनेटर मधु जैन ने बताया कि रविवार को केवलज्ञान कल्याणक (झलका सारा लोक), श्री जिनाभिषेक एवं नित्यार्चन, महाराजश्री का मंगल आशीर्वचन, तीर्थंकर महामुनि आहार चर्या, पंचाश्चर्य दृश्य, केवलज्ञान संस्कार क्रिया, अधिवासना, मुखोद्घाटन, नयनोन्मीलन, सूरिमंत्र, गुणानुरोपण, पट्टोद्घाटन, केवलज्ञान कल्याणक पूजा एवं हवन, समवशरण दर्शन, आरती महोत्सव, श्री शास्त्रसभा एवं महासती अंजना नाटिका की प्रस्तुति की जाएगी।

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