आईएफ़एडी (IFAD) टीम ने ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना हरिद्वार की प्रगति की समीक्षा हेतु किया दौरा

Spread the love

हरिद्वार। इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चर डेवलपमेंट (IFAD) के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज दिनांक 26 अगस्त 2025 को जनपद हरिद्वार का दौरा कर ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के अंतर्गत की जा रही गतिविधियों का मूल्यांकन किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य परियोजना में संचालित सस्टेनेबल एवं समुदाय-आधारित पहलों की प्रगति और प्रभाव का अध्ययन करना रहा। टीम ने विशेष रूप से यह आकलन किया कि परियोजना क्षेत्र में की जा रही गतिविधियां पर्यावरण एवं जलवायु मानकों के अनुरूप हैं या नहीं, तथा महिलाओं की समस्याओं को किस हद तक संबोधित किया जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने सीधा संवाद और विजिट के माध्यम से पाया कि जितने भी एंटरप्राइजेज एवं यूनिट स्थापित किए जा रहे हैं, वे सभी क्लाइमेट-फ्रेंडली एवं पर्यावरणीय मानकों के अनुसार हैं। महिलाओं से वार्ता के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि उनकी समस्याओं के समाधान हेतु सीएलएफ स्तर पर कमेटियां गठित कर सक्रिय कार्य किया जा रहा है।
भ्रमण के दौरान टीम ने खानपुर, नारसन एवं रुड़की विकासखंडों का दौरा किया और कई उद्यमों का निरीक्षण किया। इसमें उजाला सीएलएफ द्वारा संचालित सिंघाड़ा प्रसंस्करण इकाई, आस्था सीएलएफ की महिला-नेतृत्व वाली हिलांस बेकरी, श्री राधे कृष्णा सीएलएफ की माही डेयरी द्वारा संचालित ‘माही मिल्क बार’ तथा उत्कर्ष समूह की ओर से स्थापित उत्कर्ष रेस्टोरेंट शामिल रहे। इन पहलों ने ग्रामीण आजीविका में नए अवसर पैदा किए हैं और महिलाओं की सहभागिता को बढ़ावा दिया है।
आईएफ़एडी (IFAD) की ओर से श्री भरत (सामाजिक, पर्यावरण एवं जलवायु विशेषज्ञ) तथा निष्ठा वशिष्ठ (लैंगिक एवं संस्था विशेषज्ञ) ने दौरे में भाग लिया। इनके साथ उत्तराखंड ग्राम्य विकास समिति, देहरादून से विपान मंडवाल (जलवायु सहयोगी) तथा जिला परियोजना प्रबंधन इकाई (DPMU) की टीम जिसमें जिला परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना एवं सहायक प्रबंधक शामिल रहे।
इस भ्रमण के दौरान संबंधित विकासखंड के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिसमें रीप और एनआरएलएम की ब्लॉक टीम भी उपस्थित रहीं।
टीम ने लाभार्थियों से बातचीत कर यह अनुभव किया कि परियोजना न केवल आजीविका सुधार रही है बल्कि महिलाओं को सशक्त बना रही है और ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर कर रही है।
ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना हरिद्वार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *