उत्तराखंड

आईएफएस राजीव भरतरी बहाली न होने पर हाई कोर्ट पहुंचे

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नैनीताल। वरिष्ठ आईएफएस राजीव भरतरी को कैट के आदेश के बाद भी प्रमुख वन संरक्षक पद पर बहाल नहीं करने के मामले में दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। मामले में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार व प्रमुख वन सरंक्षक विनोद सिंघल को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से भी प्रति शपथ-पत्र दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने तीन अप्रैल की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार कर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के कटान के बाद राजीव भरतरी का तबादला जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया था। जिसे राजीव भरतरी ने कैट में चुनौती दी। कैट ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए उन्हें तत्काल बहाल करने के आदेश राज्य सरकार को दिए थे। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी उनकी बहाली नहीं हुई है। विनोद सिंघल अभी तक प्रमुख वन संरक्षक पद पर बने हुए हैं। आईएफएस राजीव भरतरी ने याचिका में कहा है कि विनोद सिंघल को हटाया जाए और उन्हें नियुक्त किया जाए। कैट के आदेश के बाद विनोद सिंघल किस अधिकार से पद पर बने हैं?

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