मौसम की सटीक जानकारी और आपदा से बचाव में रिमोट सेंसिंग का महत्वपूर्ण योगदान

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श्रीनगर गढ़वाल : राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष्य में गढ़वाल विश्वविद्यालय के रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस एप्लीकेशन विभाग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल तथा इंस्टीटूशन इनोवेशन काउंसिल द्वारा भौतिकी विज्ञान विभाग के सभागार में शनिवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। एनआईटी श्रीनगर के डॉ. अखिलेश नौटियाल ने छात्रों को रिमोट सेंसिंग के विभिन्न आयामों, दैनिक जीवन में रिमोट सेंसिंग के उपयोग के बारे में बताते हुए कहा कि आजकल ऑनलाइन डिलीवरी, मौसम की सटीक जानकारी से लेकर आपदा से बचाव आदि में रिमोट सेंसिंग का बहुत योगदान है।
बतौर मुख्य अतिथि गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने वैज्ञानिकों की देश के प्रति निष्ठा और समर्पण के साथ ही विश्व कल्याण में उनके योगदान पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का रिमोट सेंसिंग विभाग आपदा प्रबंधन, फॉरेस्ट फायर, फॉरेस्ट मॉनिटरिंग के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने सभी विभागों को एक साथ मिलकर विश्वविद्यालय के हित में कार्य करने की प्रेरणा दी। भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सीएम भट्ट ने भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान में विक्रम साराभाई के योगदान और इसरो तथा आईआईआरएस की स्थापना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास के विभिन्न महत्वपूर्ण मील के पत्थरों पर प्रकाश डाला और विभिन्न प्रक्षेपण यानों, लैंडर के यंत्रों, रोवर के बारे में विस्तार से बताया। मौके पर गढ़वाल विवि डीन स्कूल ऑफ़ लाइफ साइंसेज प्रो. सीएम शर्मा, डीन स्कूल ऑफ़ साइंसेज के प्रो. एचसी भट्ट, डा. रामा साहू, प्रो. हेमवती नंदन, डॉ. भास्कर, डॉ. सुनील, डॉ. संजय, डॉ. सुरेंद्र, डॉ. रोहित, डॉ. जीतेन्द्र, डॉ. विनीत मौर्य, डॉ अनिल शुक्ला, डॉ. सुभाष बोरा डॉ. विभीषण रॉय आदि मौजूद थे। (एजेंसी)

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