शोध में लेखन का अहम योगदान-प्रो धींगरा
नई टिहरी। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम एकेडेमिक राइटिंग-इनहैंसिंग स्कोलरिली स्किल्स का समापन हुआ। समापन सत्र में आन लाइन माध्यम से बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो गुलशन कुमार धींगरा ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य करने में शैक्षिक लेखन का महत्वपूर्ण योगदान है। अन्य एक्सपर्टों ने भी आन लाईन जुड़कर अपने विचार रखे। संबोधन में आगे कहा कि हमारा लक्ष्य शिक्षकों को इस सदैव-बदलते परिप्रेक्ष्य में छात्रों को तैयार करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के शैक्षिक लेखन के विभिन्न पहलुओं को समझने और उनके लेखन दक्षता को विकसित के लिए एक मूल्यवर्धित होगा। उन्होंने सफल कार्यक्रम आयोजित करने पर विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेण्टर को बधाई दी। निदेशक फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर प्रो़ अनीता तोमर ने कहा कि हमें हमारे शैक्षणिक कौशल में एक वैश्विक दृष्टिकोण को अपनाना होगा। यह फैकल्टी विकास कार्यक्रम शिक्षकों और छात्रों के लिए एक परिवर्तनात्मक यात्रा की शुरुआत का प्रारंभ है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ एनके जोशी की प्रेरणा ने इस सफल आयोजन को आकार दिया है। उन्होंने कुलपति के कार्यक्रम आयोजित करने में मिले मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम समन्वयक ड गौरव वार्ष्णेय ने कार्यक्रम में आयोजित हुए तकनीकी सत्रों की आख्या प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में 19 तकनीकी सत्र आयोजित हुए। जिसमें कार्यक्रम समन्वयक अकादमिक राइटिंग हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रो अजय सेमल्टी, आईआईटी रूड़की के प्रो रजत अग्रवाल, ऐकडेमिक राइटिंग स्वयं मूक टीम के ड लोकेश अधिकारी, पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो वीके गर्ग, आरडी विश्वविद्यालय के प्रो एस एस संधू, ड सौरभ यादव, ड मोना सेमल्टी ने व्याख्यान दिए।