भारत और रूस के बीच महत्वपूर्ण संबंध: जयशंकर
नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को मास्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत में कहा कि भारत और रूस के बीच महत्वपूर्ण और टाइम टेस्टेड संबंध हैं और अब इसका उद्देश्य बढ़ते आर्थिक सहयोग की पृष्ठभूमि में एक संतुलित व पारस्परिक रूप से लाभप्रद और लंबे समय तक संबंध को बढ़ाना है। उन्होंने शुरुआती बातचीत में कहा कि ब्व्टप्क्-19 महामारी, वित्तीय दबाव और व्यापार कठिनाइयों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव डाला है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, श्इन सब में अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणामों को सबसे ऊपर देख रहे हैं। साथ ही, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे भी हैं। इन दोनों का प्रगति और समृद्घि पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत समग्र वैश्विक स्थिति के साथ-साथ विशिष्ट क्षेत्रीय चिंताओं को दूर करेगी। उन्होंने कहा कि भारत और रूस एक तेजी से बढ़ती दुनिया में एक-दूसरे के साथ जुड़ रहे हैं।
एस जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ हमारे महत्वपूर्ण और समय-परीक्षणित संबंध हैं। हम इस संबंध का विस्तार करने और इसे और अधिक टिकाऊ बनाने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने उन क्षेत्रों पर चर्चा की जहां दोनों देशों के बीच स्वाभाविक हित हैं। उन्होंने कहा हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लक्ष्यों की सर्वोत्तम सेवा के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि रूसी समकक्ष के साथ अफगानिस्तान के अनेक क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हमने चर्चा की है कि अफगानिस्तान के लोगों के लिए अपना समर्थन कैसे जारी रखें।
बता दें कि विदेश मंत्री मास्को की यात्रा पर हैं। एस जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव ने आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की। विदेश मंत्री सोमवार शाम मास्को पहुंचे थे। फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से जयशंकर और लावरोव अब तक चार बार मिल चुके हैं। जब से यूक्रेन संघर्ष शुरू हुआ है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ-साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात की है।