जनपद पौड़ी गढ़वाल में सुधरा लिंगानुपात
-एएनएमटीसी सेंटर खिर्सू में आयोजित कार्यशाला में दी जानकारी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे के अनुसार जनपद पौड़ी गढ़वाल में लिंगानुपात में काफी सुधार आया है। वर्तमान में जिले में प्रति हजार बालकों पर बालिकाओं की संख्या 1062 है। जबकि वर्ष 2015-16 में जिले में प्रति हजार पर बालिकाओं की संख्या 705 थी। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग की ओर से एएनएमटीसी सेंटर खिर्सू में आयोजित कार्यक्रम में दी गई।
बुधवार को राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम एवं पीसीपीएनडीटी कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यशाला में छात्राओं ने कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव को लेकर विचार व्यक्त किए। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार ने कन्या भु्रण हत्या को लेकर छात्राओं के विचारों की सराहना करते हुए कहा कि समाज में बालिकाओं को लेकर काफी हद तक परिवर्तन हुआ है। बालिकाएं प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, विभाग द्वारा भी समय-समय पर जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। उन्होंने कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाली छात्राओं में गीता नेगी, चांदनी, मेघा राणा, स्वाती, योगिता को पुरस्कृत कर सम्मानित भी किया।
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश कुंवर द्वारा छात्राओं को पीसीपीएनडीटी कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से उत्तराखंड के लिंगानुपात को लेकर छात्राओं के साथ विस्तृत चर्चा की। कार्यशाला में डॉ. विनय कुमार ने एड्स रोग के कारण एवं उससे बचाव के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एचआईवी वायरस मानव शरीर में ही जिन्दा रहता है, जिसके लक्षण काफी लंबे अंतराल पर सामने आते हैं। उन्होंने बताया कि एचआईवी असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई, ब्लेड, एवं एचआईवी दूषित रक्त चढ़ाने से हो सकता है। एचआईवी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। एड्स की निश्चित रूप से पहचान केवल चिकित्सकीय परीक्षण से ही की जा सकती है। इस मौके पर आशीष रावत, ममता पटवाल आदि मौजूद रहे।