चमोली में 0-6 आयु वर्ग के लिंगानुपात में हुआ सुधार

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चमोली। चमोली जिले 0 से 6 साल के बच्चों के लिंगानुपात में बढ़ोरी हुई है। जिले में वर्ष 2019 में 0-6 वर्ष के बच्चों का लिंगानुपात 933 था, जो वर्ष 2020 में बढ़कर 953 हुआ। सबसे कम लिंगानुपात जोशीमठ में 844, पोखरी में 933, दशोली में 934 तथा नारायणबगड़ में 938 है। जबकि देवाल में 947, थराली में 950, कर्णप्रयाग में 963 तथा घाट में 998 है। जिले में कुल 18 अल्ट्रासाउंड केन्द्र पंजीत है, जिसमें से 8 केन्द्र सील है। जबकि 6 सरकारी और 4 प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केन्द्र संचालित हो रहे है। शुक्रवार को जिला मुख्यालय में जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में आयोजित पीसीपीएनटी जिला सलाहकार समिति की समीक्षा बैठक में यह जानकारी ड़ एसपी कुड़ियाल ने दी। जिलाधिकारी ने कहा कि अल्ट्रासांउड केन्द्रों पर निगरानी रखते हुए निरीक्षण किया जाय। जिन विकासखंडों में लिंगानुपात सबसे कम है, वहां पर विशेष ध्यान देते हुए लोगों की कांउसलिंग की जाए। समीक्षा बैठक में कर्णप्रयाग में एक डाइग्नोस्टिक एंड नर्सिंग केयर सेंटर द्वारा अल्ट्रासाउंड केन्द्र खोलने हेतु दिए गए आवेदन को समिति के सम्मुख रखा गया। सीएचसी जोशीमठ में खराब अल्ट्रासाउंड मशीन को रिपलेस करने का निर्णय लिया गया। उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में सर्जरी से संबंधित मरीजों का अल्ट्रासाउंड करने की अनुमति चाहने हेतु डा़ राजीव शर्मा (वरिष्ठ सर्जन) के आवेदन पर जिलाधिकारी ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत ही कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला समन्वयक संदीप कण्डारी ने पीसीपीएनडीटी ऐक्ट के तहत संचालित कार्यों से अवगत कराते हुए अल्ट्रासाउंड केन्द्रों से संबंधित प्रस्ताव समिति के समक्ष रखे। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा़ एसपी कुड़ियाल, सीएमएस डा. जीएस राणा, एसीएमओ डा़ उमा रावत, बाल रोग विशेषज्ञ मानस सक्सेना, डीजीसी फौजदारी प्रकाश भण्डारी, हिमांद संस्था के सचिव उमा शंकर बिष्ट सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

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