राष्ट्र के नाम संबोधन में बोले इमरान खान- किसी भी तरह की गुलामी गलत, मैंने सेवा के लिए ज्वाइन की पालिटिक्स
इस्लामाबाद, एजेंसी। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के चलते मुश्किलों का सामना कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार शाम को देश की आवाम को संबोधित किया। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इमरान खान ने कहा कि मेरे पास सब कुछ था। मैंने 25 साल पहले सेवा के मकसद के साथ राजनीति में कदम रखा था। मैंने इंसाफ, इंसानियत और खुद्दारी के लिए पालिटिक्घ्स ज्घ्वाइन की। इमरान ने यह भी कहा कि सियासत में कदम रखते समय मैंने संकल्घ्प लिया था कि किसी के आगे ना झुकुंगा ना अपनी कौम को झुकने दूंगा।
इमरान खान ने कहा कि मैंने फैसला किया था कि हम ऐसी विदेश नीति बनाएंगे जिससे पाकिस्घ्तान की आवाम का भला हो। मैंने आजाद विदेश नीति की बात कही थी। इमरान ने कहा कि पिछली सरकारों की सबसे बड़ी गलती थी कि 80 के दशक में पाकिस्घ्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का सहयोगी बन गया। याद रखें उसी अमेरिका ने हमारे ऊपर प्रतिबंध लगाए थे। पिछली सरकारों की गलतियों के कारण मैंने पाकिस्तान को जलील होते और नीचे आते देखा है।
इमरान का कहना है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव विदेशी साजिशों का नतीजा है। इमरान का आरोप है कि उनको सत्ता से बाहर करने के लिए विदेश से फंडिंग की जा रही है। माना जा रहा है कि इमरान का इशारा अमेरिका की ओर था। हालांकि अमेरिका की ओर से इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव लाने में संलिप्तता के आरोपों को नकारते हुए अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक हालात पर उसकी ओर से कोई पत्र नहीं भेजा गया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक इमरान ने उक्त पत्र को पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश के साथ साझा करने की पेशकश की थी लेकिन बाद में मन बदल दिया। उन्होंने इस पत्र के बारे में अपने मंत्रियों को बताया है।
मालूम हो कि एक दिन पहले ही इमरान कथित तौर पर बहुमत खो चुके हैं। सत्ताधारी पीटीआइ के एक अहम सहयोगी दल अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में जाने की बात कही है। यही कारण है कि इमरान अपनी सरकार बचाने के लिए हर संभव कोशिशें कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक महत्घ्वपूर्ण बैठक बुलाई। वहीं विपक्ष का कहना है कि इमरान की सारी कोशिशें बेकार जाएंगी और वह अपनी सरकार नहीं बचा पाएंगे।
पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दो प्रमुख सहयोगी दलों के पाला बदलने के बाद इमरान खान और विपक्ष के बीच निचले सदन को भंग करने के लिए अंदरखाने बातचीत चल रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो इमरान की ओर से विपक्ष को आफर दिया गया है कि यदि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव वापस लेता है तो वह नेशनल असेंबली को भंग कर देंगे। यानी अब गेंद विपक्ष के पाले में है। यदि विपक्ष से इस फार्मूले पर समझौता हो जाता है तो अगस्घ्त में नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।