दलितों पर बढ़ते अत्याचारों के विरोध में चमार वाल्मिीकि महासंघ ने किया सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन
-हरिद्वार। चमार वाल्मीकि महासंघ के कार्यकर्ताओं ने राजस्थान के कृष्णा वाल्मीकि की दिन दहाड़े पीट-पीटकर किए जाने व उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में दलितों के घरों में तोड़फोड़, लूटपाट एवं महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले पुलिसकर्मियों के विरोध में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया। चमार वाल्मीकि महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष भंवर सिंह ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा की देश में दलितों पर अत्याचारों का सिलसिला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में राजस्थान के झालरापाटन में कई हमलावरों द्वारा दिनदहाड़े सड़क पर कृष्णा वाल्मीकि की पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के पलिया गांव में अनुसूचित जाति के लोगो के घरों की रात को बिजली काट कर उनके घरों में तोड़फोड़, लूटपाट एवं उनकी महिलाओं के साथ पुलिस कर्मियों ने छेड़छाड़ कर गंभीर अपराध किया है। जिसकी चमार वाल्मीकि महासंघ घोर निंदा करता है। उन्होंने कहा कि सभी अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए एवं मृतक कृष्णा के पीड़ित परिवार एवं पलिया गांव के पीड़ितों को एक-एक करोड़ रूपया मुआवजा दिया जाए। वरिष्ठ समाजसेवी चीफ साहब मेहरसिंह, राजेंद्र श्रमिक, भानपाल सिंह रवि ने एससी/ एसटी समाज पर लगातार हो रहे अत्याचारों के खिलाफ चुप्पी साधने वाले समाज के एमपी, एमएलए एवं सभी जनप्रतिनिधियों की घोर निंदा करते हुए कहा कि जिस समाज के 131 लोकसभा सांसद, लगभग 1400 विधायक एवं लाखों कर्मचारी- अधिकारी हों उस समाज पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। जनप्रतिनिधयों को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में संस्थापक अध्यक्ष भंवर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र श्रमिक, जिलाध्यक्ष भानपाल सिंह रवि, महानगर अध्यक्ष सुनील राजौर, पास्टर सुरेंद्र कुमार, नसीर अहमद, श्यामसुंदर आदित्य, रफलपाल सिंह, आशीष राजौर, सरोज पाल सिंह, एडवोकेट रूपचंद आजाद, राजेश बडके, मिथलेश गिल वाल्मीकि, अरविंद, राशिद अली, प्रिंसिपल फूल सिंह, प्रिंसिपल राजकुमार, जितेंद्र कुमार, तिलका देवी, परवीन तेश्वर, अशोक हवलदार, नीरज बागड़ी, अशोक मामा, अनुराग, राकेश गोदियाल, राजेश खन्ना, बंटी चंचल, कुसुम पाल, सलेख चंद, रमेश, राजू खैरवाल, जसवंत, विकास बेनीवाल, बीरबल ,अर्जुन, सुलोचना देवी, जाबीर अली शामिल रहे।