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पौड़ी गढ़वाल में महिला की हत्यारी गुलदार को 10 घंटे में ही उतारा मौत के घाट

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जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली। कोटद्वार। पौड़ी गढ़वाल में आज गुरुवार सुबह 10 बजे महिला को मौत के घाट उतारने वाली मादा गुलदार को पौड़ी गढ़वाल के वन विभाग ने 10 घंटे में ही मौत के घाट उतार दिया। जनपद पौड़ी गढ़वाल की पोखड़ा ब्लाक के मजगांव में गुरुवार सुबह एक महिला को खेत में काम करते हुए घात लगाए मादा गुलदार ने मौत के घाट उतार दिया था। ग्रामीणों ने गुलदार को तत्काल मारने की मांग की थीँ
घटना की सूचना मिलने पर क्षेत्रीय विधायक एवं काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने पौड़ी के जिलाधिकारी और वन विभाग को तत्काल हत्यारी गुलदार को जिंदा पकड़ने या मरने की बात कही थी जिस पर गढ़वाल वन प्रभाग के डी एफ ओ ने रिपोर्ट राज्य के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को भेजी थी। कार्रवाई करते हुए वन्य जीव प्रतिपालक ने गुलदार को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के आदेश दिए थे जिसके बाद वन विभाग ने क्षेत्र में पिंजरे सहित शिकारी दल तैनात कर दिए। आज शाम ही लगभग 8 बजे हत्यारी मादा गुलदार उसी स्थान पर पहुंची जहां पर वह महिला के शव को छोड़ गई थी। पहले से ही घात लगाए शिकारी जे हुकुल ने मादा गुलदार को मौत के घाट उतार दिया। महिला के हत्यारे मादा गुलदार की मारे जाने की पुष्टि चौबट्टाखाल के एसडीएम संदीप ने की है।
वन क्षेत्राधिकारी अमोली रेंज दमदेवल ने प्रभागीय वनाधिकारी को घटना की जानकारी दे दी है। रेंजर ने उक्त घटना के वरीयता के आधार पर संज्ञान लेते हुए अपने स्तर से अग्रिम करने, शिकारी द्वारा नरभक्षी गुलदार को मारने के लिए उचित कार्यवाही करने की संस्तुति की थी। मालूम हो कि विकासखंड पोखड़ा की मजगांव ग्राम पंचायत के डबरा गांव में बृहस्पतिवार को सुबह करीब साढ़े 10 बजे घर से करीब 50 मीटर दूरी पर स्थित खेत में काम कर रही 55 वर्षीय गोदांबरी देवी पत्नी ललिता प्रसाद पर गुलदार ने अचानक हमला कर दिया और उसे उठा घसीटता हुआ ले गया। महिला के चिल्लाने पर ग्रामीणों ने गुलदार का पीछा किया, जिससे गुलदार महिला को छोड़ को जंगल की ओर चला गया। ग्रामीणों को महिला 100 मीटर दूर जंगल में मिली, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी।
घटना की सूचना पाकर तहसीलदार चौबट्टाखाल श्रेष्ठ गुनसोला और रेंजर दमदेवल सूची चौहान मय टीम मौके पर पहुंची। जहां शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए कोटद्वार भेज दिया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने नौगांवखाल चिकित्सालय में ही शव का पीएम कराने के निर्देश दिए लेकिन चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से परिजनों को मिलने वाले मुआवजे में तकनीकी पेचीदगियों के चलते शव पीएम के लिए कोटद्वार भेजा गया। रेंजर दमदेवल सूची चौहान ने मृतका के परिजनों को अंत्येष्टि आदि के लिए मुआवजे की प्रथम किस्त 50 हजार रूपए नकद दिए। पर्यटन मंत्री ने घटना पर गहरा शोक जताया।
नरभक्षी के मारे जाने के बावजूद डबरा गांव के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। मारे जाने से पूर्व तक भी गुलदार घटनास्थल के आसपास मौजूद था।

ग्रामीणों की मांग, नरभक्षी को पकड़ों या मार डालो
कोटद्वार। जनपद पौड़ी गढ़वाल के पोखड़ा विकासखंड में सक्रिय नरभक्षी गुलदार को जिंदा न पकड़े जाने पर गोली मारने के आदेश जारी होने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया गया। उत्तराखण्ड के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने घटना के तुरन्त 6 घंटे बाद यह आदेश गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी के डीएफओ को जारी किये थे। अपने आदेश में मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक उत्तराखण्ड जेएस सुहाग ने कहा है कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2006 की धारा 11 (1) क के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए गढ़वाल वन प्रभाग के अंतर्गत उक्त क्षेत्र में मानव जीवन के लिए खतरनाक गुलदार को सर्वप्रथम पिंजड़ा लगाकर ट्रेकुलाइजर कर पकड़ने एवं संपूर्ण प्रयासों के पश्चात भी पकड़ में न आने की दशा में नष्ट करने हेतु अनुमति प्रभागीय वनाधिकारी, गढ़वाल वन प्रभाग को दी जाती है।
डीएफओ गढ़वाल प्रभाग ने प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को पत्र लिखकर महिला को मार डालने वाले गुलदार से स्थानीय लोगों को भारी खतरा बताते हुए कार्यवाही करने के आदेश मांगें थे। जिस पर मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने तत्काल आदेश करते हुए गुलदार को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के आदेश जारी कर दिये है। इधर ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन नरभक्षियों के आतंक से ग्रामीणें के जीवन पर संकट बनाया हुआ है, लिहाजा वन विभाग या तो ऐसे नरभक्षी जानवरों को पिंजरों में बंद करे या फिर इन्हें मौत के घाट उतारेँ

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