नई दिल्ली, कांग्रेस की राज्य यूनिट्स 14 दिसंबर को दिल्ली में स्ढ्ढक्र के खिलाफ होने वाली मेगा रैली में पार्टी वर्कर्स और सपोर्टर्स की बड़ी भीड़ लाने के लिए एक-दूसरे से मुकाबला कर रही हैं. ये रैली दिल्ली के रामलीला मैदान में होगी.
चूंकि वोट चोरी, जिसका मतलब मोटे तौर पर वोटर लिस्ट में हेराफेरी के पीछे बीजेपी और ईसी के बीच कथित सांठगांठ है, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है. इसलिए पार्टी के सबसे पुराने मैनेजर रैली की सफलता पक्का करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, जो कांग्रेस की ताकत दिखाने का एक मौका होगा.
पार्टी के अंदर के लोगों ने आगे कहा कि राहुल और दूसरे बड़े नेता इस बात पर अपनी चिंता जाहिर करेंगे कि वोट चोरी देश की डेमोक्रेसी को नुकसान पहुंचा रही है. वहीं राज्य के नेताओं को वोटर लिस्ट में हेरफेर से भगवा पार्टी को कैसे फायदा हो रहा है. इस पर अपने इनपुट शेयर करने का मौका दिया जाएगा. इसके बाद रैली में राज्य यूनिट्स के लिए एक्शन प्लान भी अनाउंस किया जाएगा.
पार्टी के अंदर के लोगों के मुताबिक, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली में कांग्रेस यूनिट्स ने पिछले कुछ दिनों में लोकल नेताओं के साथ स्ट्रेटेजी सेशन किए हैं. साथ ही उन्हें 14 दिसंबर की रैली के लिए काफी वर्कर्स जुटाने का निर्देश दिया है.
शुरुआती अंदाज़ों के मुताबिक, राजस्थान यूनिट दिल्ली रैली के लिए लगभग 25,000 वर्कर्स लाने का प्लान बना रही है, जबकि कर्नाटक से लगभग 10,000 लोग आएंगे.
एआईसीसी के राजस्थान इंचार्ज एसएस रंधावा ने बताया, 14 दिसंबर को दिल्ली में वोट चोरी के ख़िलाफ़ होने वाली मेगा रैली के लिए राज्य के सभी ज़िला और ब्लॉक लेवल पर होने वाली मीटिंग्स और कोऑर्डिनेशन के लिए जिला इंचार्ज अपॉइंट कर दिए गए हैं.
एआईसीसी के पदाधिकारी ने 29 नवंबर को जयपुर में राज्य के नेताओं के साथ रैली की तैयारियों का रिव्यू किया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सीडब्ल्यूसी सदस्य सचिन पायलट भी मौजूद थे.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि बिहार से भी बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है, जहां हाल के विधानसभा चुनावों में विपक्ष की हार के पीछे एसआईआर की कथित तौर पर भूमिका थी.
हालांकि इंडिया ब्लॉक के सदस्य कई क्षेत्रीय दल भी स्ढ्ढक्र के खिलाफ हैं और जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह हो रहा है, वहां इस कवायद का विरोध कर रहे हैं, लेकिन 14 दिसंबर की रैली सिर्फ कांग्रेस का शो होगी.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने सहयोगियों के साथ मिलकर संसद के अंदर एसआईआर पर बहस की जोरदार मांग की थी, जिसे अब 9 दिसंबर को लोकसभा में उठाया जाएगा.