बाढ़ में भगवंत मान सरकार बनी गर्वभती महिलाओं की ढाल: हर माँ और बच्चा सुरक्षित

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चंडीगढ़ , दशकों के बाद, पंजाब एक बार फिर से बाढ़ जैसी भयानक त्रासदी से जूझ रहा है जिसने पंजाब के लोगों का जीवन तहस नहस कर दिया है। इस मुश्किल घड़ी में, जहाँ मान सरकार अपने लोगों के साथ एक परिवार की तरह कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उनको ज़रूरत की हर चीज़ उपलब्ध करा रही है, वहीं महिलाओं की बुनियादी ज़रूरतों को भी पूरा करने में मान सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है और गर्भवती महिलाओं का भी ख़ास ख्याल रखा है।
मान सरकार ने इन महिलाओं की देखभाल के लिए कई ज़रूरी निर्देश भी दिए हैं। आप पार्टी की युवा और महिला विंग ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों – नाभा, पठानकोट, गुरदासपुर और कई अन्य ज़िलों में राहत कार्य तेज़ कर दिए है। कार्यकर्ताओं ने गाँव-गाँव जाकर राहत सामग्री, राशन पहुँचाया और ख़ास तौर पर महिलाओं और बच्चों की ज़रूरतों का ध्यान रखा।
इसके अलावा, फ़िरोज़पुर और फाज़िल्का के राहत शिविरों में महिलाओं को सैनिटरी पैड और मच्छरदानियाँ भी बाँटी गईं। बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात 11,103 से अधिक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवाइयाँ उपलब्ध करा रही हैं और जल एवं वेक्टर जनित बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ा रही हैं। वे गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग और देखभाल को भी प्राथमिकता दे रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि नियमित टीकाकरण मे कोई रुकावट ना आए।
मान सरकार ने बाढ़ प्रभावित गाँवों के लोगों और गर्भवती महिलाओं की सहायता के लिए लगभग 458 रैपिड रिस्पांस टीमें, 360 मोबाइल मेडिकल यूनिट और 424 एम्बुलेंस तैनात कीं और बोट एम्बुलेंस के ज़रिए प्रसव सुविधाएँ प्रदान कीं। इतना ही नहीं, सवास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कई चिकित्सा शिविर भी लगाए और महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएँ भी उपलब्ध करवाई । इन शिविरों में प्रसव पूर्व जाँच और दवाइयाँ भी उपलब्ध करावाई गई।
गुरदासपुर में, अधिकारियों ने गर्भवती महिलाओं सहित गंभीर रूप से बीमार मरीजों को आपातकालीन स्थिति में निकालने के लिए विशेष रूप से बोट एम्बुलेंस और एक हेलीकॉप्टर तैनात किया है। इन प्रयासों से आठ गर्भवती महिलाओं को बचाया गया है, जिनमें से एक महिला ने बोट पर ही चिकित्सकीय देखरेख में सुरक्षित डिलीवरी की और स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। एनडीआरएफ (हृष्ठक्रस्न) की टीमों को बचाव कार्यों के लिए सक्रिय किया गया। सतलुज नदी के पास भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाढ़ प्रभावित सीमावर्ती गाँवों के निवासियों के लिए स्वास्थ्य विभाग आशा की किरण बनकर उभरा है।
सिविल सर्जन डॉ. राजविंदर कौर ने बताया कि पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने विभाग को बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान करने, खासकर संकटग्रस्त गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकालने और डिलीवरी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इन आदेशों का पालन करते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने टेंडी वाला से मंजीत कौर और कालू वाला से मनप्रीत कौर को सफलतापूर्वक बचाया और उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ उन्होंने सुरक्षित रूप से अपने बच्चों को जन्म दिया।

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