नई दिल्ली , हाथरस कांड की न्यायिक जांच की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई है। कैबिनेट की बैठक में रिपोर्ट पेश की गई।रिपोर्ट के तथ्यों को सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन सूत्रों की माने तो रिपोर्ट में भोले बाबा को आरोपी नहीं ठहराया गया है। न्यायिक जांच रिपोर्ट में उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। आयोग ने अपने रिपोर्ट में पुलिस की जांच को सही पाया है, साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कई अहम सुझाव भी दिए हैं।
आयोग को हादसे के पीछे साजिश होने के प्रमाण मिले हैं कि नहीं अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। बता दें हाथरस के सिकंदराराउ क्षेत्र के फूलराई गांव में 2 जुलाई 2024 को भोले बाबा उर्फ नारायण सरकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी।हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के रिटायर जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ ने कहा था कि होनी को कौन टाल सकता है, जो आया है, उसे एक दिन जाना ही है। योगी सरकार ने घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (स्ढ्ढञ्ज) और न्यायिक आयोग का गठन किया था। भगदड़ के मामले में दर्ज मुकदमे में बाबा का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं था।राज्य सरकार को सौंपी एसआईटी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की ओर से चूक की ओर इशारा किया गया। भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया और दावा किया गया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।