गुरुकुल महाविद्यालय के 116 वें वार्षिक महोत्सव का शुभारंभ
हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलाधिपति ड़ सत्यपाल सिंह ने कहा कि गुरुकुल महाविद्यालय आर्य समाज की एक ऐसी संस्था है जिसने अनेक विद्वान देश को दिए। जिन्होंने अपनी कर्मशीलता से गुरुकुल की कीर्ति को बढ़ाया। ड सत्यपाल ने यह बात शुक्रवार को ज्वालापुर स्थित गुरुकुल महाविद्यालय के 116 वें वार्षिक महोत्सव में कहे। यज्ञ के बाद कुलाधिपति ड़ सत्यपाल सिंह ने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
ड सत्यपाल ने कहा कि सत्य सनातन वैदिक धर्म का पालन सभी को करना चाहिए और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ संस्था आर्य समाज है। गुरुकुल गौतम नगर नई दिल्ली के संस्थापक स्वामी प्रणवानन्द ने कहा कि गुरुकुल महाविद्यालय का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। आर्य सन्यासी स्वामी यज्ञमुनि ने वेदोपदेश करते हुए कहा कि वेद हमारे भारतीय संस्ति एवं सभ्यता के धरोहर हैं। वेदों का ज्ञान अपौरुषेय है। संस्था के प्रधान एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह संस्था महान दार्शनिक स्वामी दर्शनानन्द द्वारा स्थापित एक ऐसी संस्था है जिसने स्वतंत्रता संग्राम में भी विशेष योगदान दिया है। संस्था के मुख्याधष्ठिाता सोमप्रकाश चौहान, विद्या सभा सदस्य एवं आचार्य पं़ हेमन्त तिवारी ने मंचासीन आर्य सन्यासियों स्वामी दयानन्द का चित्र भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर स्वामी प्रणवानन्द, स्वामी सम्पूर्णानन्द, स्वामी यज्ञमुनि तथा गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलपति प्रो़ सोमदेव सतांशु एवं संस्था के कुलपति ड़ हरिगोपाल शास्त्री, अन्तरंग एवं महासभा सदस्य एवं आर्य समाज के सभी प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। संस्था प्रधान स्वामी यतीश्वरानन्द ने वार्षिक महोत्सव में सभी को अधिक से अधिक संख्या में पधारने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर संस्था के उप मंत्री ड अजय कौशिक, पूर्व सहायक मुख्याधिष्ठाता अभिषेक चौहान, नेपाल सिंह, ड़ मनमोहन शर्मा, ड़ अतुल मगन, नरपाल सिंह, सुखदेव सिंह, मा़ इन्द्राज सिंह, विनय चौहान, चौधरी हाकम सिंह आर्य, यशपाल आर्य, विजयपाल आर्य आदि उपस्थित रहे।