उत्तराखंड

शांतिकुंज में नौ दिवसीय नारी शक्ति शिविर का शुभारंभ

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हरिद्वार। शांतिकुंज की अधिष्ठात्री शैलदीदी के मार्गदर्शन में शांतिकुंज में दक्षिण भारतीय राजपुरोहित परिवार की बहिनों का नौ दिवसीय नारी शक्ति शिविर का शुभारंभ हुआ। शिविर का शुभारंभ शांतिकुंज की वरिष्ठ बहिनों ने दीप प्रज्वलन कर किया। दीनाबेन त्रिवेदी ने कहा कि नारी भाव संवेदना की मूर्ति है। नारी परिवार समाज की धुरि है। नारी की अपनी एक विशिष्ट गरिमा है। वह पुरुष की जननी है। नारी स्नेह एवं सौजन्य की देवी है। मानव समाज ईश्वर के बाद नारी की सर्वाधिकाणी है। ड. गायत्री शर्मा ने कहा कि माता बच्चे की जन्मदात्री ही नहीं, निर्मात्री भी होती है। माता गर्भ से ही भावी बच्चे का निर्माण, उसके संस्कार और व्यक्तित्व का निर्माण करके मनचाहे गुणों से युक्त संतान को जन्म देने की क्षमता रखती है। इससे पूर्व संगीत विभाग की बहिनों ने नारी जागरण पर संगीत प्रस्तुत किया। नौ दिन चलने वाले इस शिविर में नारी गरिमा, गर्भ का अद्भूत ज्ञान विज्ञान, व्यक्तित्व निर्माण, समस्याएं आदि विषयों पर प्रतिभागियों को जानकारी की जाएगी।

 

 

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