भारत बना आईफोन निर्यात का हब, एक साल में दो लाख करोड़ रुपये के बेचे स्मार्टफोन

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नई दिल्ली। भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिकॉर्ड स्मार्टफोन का निर्यात किया है। 2023-24 की तुलना में यह 54 फीसदी अधिक है। इसमें अकेले एपल का हिस्सा 1.50 लाख करोड़ रुपये है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर कहा, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के कारण यह संभव हुआ है।आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर लिखा, निर्यात में वृद्धि से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। भारत के छोटे एवं मझोले उद्योग यानी एमएसएमई वैश्विक आपूर्ति नेटवर्क का हिस्सा बन रहे हैं। इससे स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण परिवेश तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 के सिर्फ 11 महीनों (अप्रैल से फरवरी) में भारत का स्मार्टफोन निर्यात 1.75 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था।
वैष्णव ने कहा, मौजूदा समय में देश का न केवल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़ रहा है, बल्कि देश में उपयोग होने वाले 99 प्रतिशत फोन भारत में ही बन रहे हैं। भारत के निर्यात बढ़ोतरी में सबसे बड़ा योगदान एपल का है। आईफोन की कुल निर्यात में हिस्सेदारी लगभग 70 प्रतिशत है। अकेले तमिलनाडु में फॉक्सकॉन प्लांट ने निर्यात में 50 प्रतिशत का योगदान दिया है।
दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एपल भारत से अमेरिका को अधिक आईफोन निर्यात करने की योजना बना रही है। इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से जवाबी टैरिफ को माना जा रहा है। कंपनी चीन से उत्पादों के आयात की बढ़ती लागत को कम करने के लिए एक अस्थायी समाधान के रूप में इस कदम पर विचार कर रही है।
10 वर्षों में छह गुना से ज्यादा बढ़ा निर्यात
वैष्णव ने कहा, पिछले 10 वर्षों में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पांच गुना से अधिक और निर्यात छह गुना से अधिक बढ़ा है। सरकार निष्क्रिय घटक योजना के लिए एक मसौदा अधिसूचना जारी कर रही है, जो लगभग दो सप्ताह तक परामर्श के लिए खुली रहेगी।
मंत्री ने निष्क्रिय घटक विनिर्माण योजना और दिशा-निर्देशों की भी घोषणा की। इसमें 22,919 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देने का प्रावधान है, जिससे लगभग एक लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे और तैयार उत्पादों में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। यहां छोटी बड़ी 400 से अधिक उत्पादन इकाइयां हैं, जो विभिन्न प्रकार के कलपुर्जे बनाती हैं।
उन्होंने कहा, इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण योजना के तहत लाभ 1 अप्रैल से शुरू होकर छह साल की अवधि के लिए प्रदान किया जाएगा। कंपनियों को टर्नओवर-लिंक्ड प्रोत्साहन के लिए 10 करोड़ रुपये से 1000 करोड़ रुपये की सीमा में निवेश करना होगा और प्रोत्साहन 1 से 10 प्रतिशत तक होगा। इस योजना के तहत मुद्रित सर्किट बोर्ड और एसएमडी निष्क्रिय घटकों के लिए 25 प्रतिशत तक पूंजीगत खर्च प्रोत्साहन के साथ-साथ टर्नओवर से जुड़ा प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा। सब- असेंबली और मूल घटकों की आपूर्ति श्रृंखला, जिसके लिए न्यूनतम 10 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी, वे भी 25 प्रतिशत पूंजीगत खर्च प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगे, लेकिन वे टर्नओवर-लिंक्ड प्रोत्साहन के लिए पात्र नहीं होंगे। यह योजना 1 मई से तीन महीने के लिए आवेदन के लिए खुली रहेगी, तथा अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है।

 

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