भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा
हरिद्वार। देवसंस्ति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में जी-20 समिट की थीम वसुधैव कुटुम्बकम विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। वरिष्ठ राजनयिक मुक्तेश कुमार परदेशी एवं देवसंस्ति विवि के कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति ड़ चिन्मय पण्ड्या ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर व्याख्यानमाला का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि विदेश मंत्रालय के सचिव मुक्तेश कुमार परदेशी ने कहा कि विगत दिनों में भारत के अलग-अलग शहरों में जी-20 समिट के कार्यक्रम हुए। विश्व के नेताओं ने भारत की प्राचीन संस्ति एवं आधुनिक सोच को जाना। सभी नेताओं ने स्वीकारा किया कि भारत अब विश्व गुरु बनने की दिशा में मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत जिस तरह युवा पीढ़ी की प्रतिभा को विकसित करने और अवसर प्रदान करने की योजना पर कार्य कर रहा है, यह एक दूरगामी परिणाम देने वाला है। इससे पूर्व देवसंस्ति विवि के प्रतिकुलपति ड़ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि भारत में कबीर, गुरु नानक, स्वामी विवेकानंद, अहिल्या बाई होल्कर जैसे अनेक दिव्यात्माओं ने जन्म लिया और भारत को भारत बनाने में अपनी तप साधना के एक-एक अंश की आहुतियां दी। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन का समय है। व्याख्यानमाला के समापन अवसर पर कुलपति शरद पारधी ने सभी का आभार प्रकट किया। इस दौरान देसंविवि द्वारा प्रकाशित इंटरनेशनल जर्नल अफ यज्ञ रिचर्स तथा अनाहत पत्रिका के नवीन अंक विमोचन किया गया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति के निजी सचिव सुजीत कुमार सहित विवि के समस्त विभागाध्यक्ष, आचार्य एवं आचार्यां तथा विद्यार्थिगण आदि उपस्थित रहे।