भारत ने किया यूएनएससी के फैसले का स्वागत, कहा- क्षेत्र में आतंकवादी संगठनों से खतरा अधिक
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव भी पेश किया था। हालांकि, जून 2022 में चीन ने ऐन मौके पर इसे रोक दिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (न्टैब्) ने सोमवार को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की (।इकनस त्मीउंद डाांप) को अपनी आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। यूएनएससी के इस कदम पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए खुशी जाहिर की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आईएसआईएल और अल कायदा प्रतिबंध समिति द्वारा लश्कर आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के फैसले का स्वागत करते हैं।
गौरतलब है कि अब्दुल रहमान मक्की लश्कर नेता हाफिज सईद का बहनोई भी है। इतना ही नहीं मक्की ने लश्कर के लिए कई भूमिकाएं भी निभाई हैं। इसमें तमाम तरीकों से संगठन के लिए धन जुटाना शामिल है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि आतंकवादी संगठनों से क्षेत्र में खतरा अधिक बना हुआ है। यूएनएससी द्वारा की जाने वाली लिस्टिंग और प्रतिबंध इस तरह के खतरों को रोकने और क्षेत्र में आतंकवादी ढांचे को खत्म करने के लिए एक प्रभावी उपकरण हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टलरेंस के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्घ है। भारत आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर दबाव डालता रहेगा। हम किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ने 2021-22 के दौरान अपने न्टैब् कार्यकाल के दौरान पाक स्थित आतंकवादियों की एक सूची बनाई थी। 2022 के दौरान भारत ने 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत 5 नाम पेश किए थे। इनमें अब्दुल रहमान मक्की (एलईटी), अब्दुल रऊफ असगर (जेईएम), साजिद मीर (एलईटी), शाहिद महमूद (एलईटी), तल्हा सईद (एलईटी) का नाम था।
इन 5 नामों में से प्रत्येक को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के खिलाफ शुरू में चीन द्वारा तकनीकी रोक लगाई गई थी, जबकि यूएनएससी के अन्य सभी 14 सदस्य उनकी लिस्टिंग के लिए सहमत हुए थे। मक्की का मामला 1 जून 2022 को भारत ने परिषद में पेश किया था। भारत के इस समर्थन पर अमेरिका ने भी अपनी सहमति जताई थी। तब चीन ने 16 जून 2022 को एक तकनीकी रोक लगा दी थी। इसके 6 महीने के बाद फिर से दिसंबर के मध्य में भारत ने फिर से इस मुद्दे को तेज किया था।