भारत-चीन और नेपाल सीमा से लगे गुंजी में लहराएगा 100 फुट ऊंचा तिरंगा, 45 लाख रुपये किए जाएंगे खर्च
पिथौरागढ़ । समुद्र तल से करीब 3200 मीटर ऊंचाई पर भारत-चीन और नेपाल सीमा पर स्थित गुंजी में 100 फुट ऊंचा तिरंगा लहराएगा। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई हैं। शीघ्र ही जिला प्रशासन जिला योजना में करीब 45 लाख रुपये की लागत से वहां पर तिरंगा स्थापित करेगा।
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूर स्थित गुंजी त्रिकोणीय अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसा हुआ है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के इस अहम पड़ाव पर यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। भारत-चीन व्यापार के लिए अंतरराष्ट्रीय मंडी गुंजी में ही है।
इस गांव के लोग शीतकाल में भी घाटियों की ओर बहुत कम प्रवास करते हैं। दो वर्ष पूर्व यह सड़क से भी जुड़ चुका है। डीएम ड़ आशीष चौहान ने बताया कि जल्द ही झंडा स्थापित करने का कार्य शुरू हो जाएगा। इसके लिए चिनूक हेलिकाप्टर की मदद से सामान भेजा जाएगा।
जिला मुख्यालय के वरदायिनी मंदिर के समीप 100 फुट ऊंचा झंडा स्थापित किया जा चुका है। निवर्तमान सीएम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका शुभारंभ किया था। यह झंडा जिला मुख्यालय के साथ ही बाहर से आने वाले लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जिला मुख्यालय में यह एक नया सेल्फी प्वाइंट बनकर भी उभर रहा है।
पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार बनने जा रही है। दिल्ली के बाद पंजाब में बड़ी जीत दिलाकर अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से खुद को सिकंदर साबित कर दिया है। इस जीत के बाद केजरीवाल विपक्ष का बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं।
पंजाब में ऐतिहासिक जीत के बाद केजरीवाल की नजर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात और हिमाचल प्रदेश पर है। इसी साल इन दोनों राज्यों में भी चुनाव होने हैं। केजरीवाल ने खुद इस ओर इशारा किया है। सियासी जानकारों का कहना है कि पंजाब की जीत से उत्साहित केजरीवाल इन दोनों राज्यों में भाजपा को कड़ा मुकाबला देने की तैयारी में हैं।
आप की जीत पर सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर ध्रुव राठी ने एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, श्1995 के बाद से, कांग्रेस गुजरात में भाजपा को हराने में विफल रही है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए, यह शायद बेहतर होगा कि कांग्रेस चुनाव से हट जाए और आप को आगामी गुजरात चुनावों में भाजपा के साथ आमने-सामने की लड़ाई लड़ने दे।श्
ध्रुव के इस ट्वीट को केजरीवाल ने रीट्वीट किया। इसी के साथ केजरीवाल ने ये भी इशारा कर दिया कि इस बार वह पूरी ताकत के साथ गुजरात ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा को टक्कर देंगे।
हिमाचल प्रदेश : आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश अपने लिए बेहतर संभावनाएं देख रही है। यहां अभी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। 68 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में बहुमत के लिए 35 सीटें चाहिए होती हैं। 2017 में भाजपा ने यहां 44 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, जबकि 21 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी। हर बार कांग्रेस और भाजपा के बीच ही कड़ा मुकाबला होता है, ऐसे में आम आदमी पार्टी इन दोनों पार्टियों का विकल्प बन सकती है।
2021 में यहां तीन विधानसभा और दो लोकसभा सीटों पर उप-चुनाव हुए थे। तब कांग्रेस ने बीजेपी को झटका देते हुए उससे दो विधानसभा और एक लोकसभा सीट छीन ली। एक पर कांग्रेस अपनी जीत बरकरार रखने में कामयाब हो गई। विधानसभा चुनाव से एक साल पहले हुए इस उप-चुनाव ने एक बड़ा संदेश दिया था। कहा जाने लगा था कि जनता सरकार से नाराज है। वहीं, कांग्रेस भी ज्यादा मजबूत नहीं है। केजरीवाल इसी का फायदा उठा सकते हैं।
गुजरात : यहां 27 साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। लगातार तीन बार नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री रह चुके हैं। गुजरात में मोदी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनके सबसे करीबी अमित शाह राज्य के गृह मंत्री थे। अब मोदी प्रधानमंत्री हैं, वहीं अमित शाह गृहमंत्री हैं। शाह अब गांधीनगर से लोकसभा का चुनाव लड़ते हैं। 2019 लोकसभा में उन्होंने 8़88 लाख मत हासिल किए थे। गुजरात में मोदी और शाह की जोड़ी काफी मजबूत मानी जाती है। मोदी-शाह के गृह राज्य में केजरीवाल के लिए ये लक्ष्य कठिन होगा, लेकिन वह कांग्रेस का मजबूत विकल्प बन सकते हैं।