भारतीय मुक्केबाज निशांत देव के साथ ओलंपिक में हुई बेईमानी

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-जानबूझकर हराने का लग रहा आरोप
पेरिस, पेरिस ओलंपिक 2024 में 3 जुलाई की रात भारतीय मुक्केबाज निशांत देव का 71 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में मैक्सिको के मार्को वर्डे अल्वारेज़ के साथ मैच था. उम्मीद थी कि निशांत ये मैच जीतकर मुक्केबाजी में देश के लिए पदक जीतने की दिशा में आगे बढ़ेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका लेकिन निशांत अपना मुकाबला 1-4 से हार गए. मैच के बाद निशांत ने कहा कि उन्हें हार का भरोसा नहीं था और मैच रेफरी ने जिस तरह परिणाम घोषित किए हैं वो मेरे लिए विश्वास करने लायक नहीं है. बता दें कि निशांत की हार की वजह रेफरी मंडल के विनाशकारी विभाजित फैसले को बताया जा रहा है.
23 वर्षीय निशांत देव ने शुरुआती राउंड में आसानी से जीत हासिल की और दूसरे राउंड में भी मुकाबले पर पूरी तरह से नियंत्रण में दिखे. इस दौरान उन्होंने मैक्सिकन मार्को वर्डे अल्वारेज़ पर कई बड़े जैब हुक लगाए इसके बावजूद जजों ने आश्चर्यजनक रूप से उस राउंड में अल्वारेज़ का पक्ष लिया. इस वजह से वे मुकाबले में 3-2 से आगे हो गए और उनकी ये बढ़त आखिर तक बरकरार रही.
फाइनल राउंड की शुरुआत में मार्को वर्डे अल्वारेज़ काफी आक्रामक रहे और निशांत पर रई मुक्के लगाए. भारतीय खिलाड़ी ने मुक्कों से बचने के लिए अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन जैसे-जैसे मुकाबला आगे बढ़ा, वे पूरी तरह से थके हुए नजऱ आए और उन्होंने जब मुक्का मारने की कोशिश की तो वो काफी धीमा था. इसका फायदा अल्वारेज़ ने फ़ायदा उठाया और जीत हासिल की. सोशल मीडिया पर नॉर्थ पेरिस एरिना में क्वार्टर फ़ाइनल में दूसरे वरीय मैक्सिकन प्रतिद्वंद्वी से निशांत की 1-4 से हार सोशल मीडिया पर प्रशंसकों को पसंद नहीं आई और उन्होंने जजों पर पेरिस ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने से इनकार करने का आरोप लगाया.
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