नईदिल्ली, ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में ईरान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। सरकार ने ईरानी विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि असुरक्षित ईरानी हवाई क्षेत्र को देखते हुए भारतीयों को जमीनी रास्ते से बाहर निकालने की अनुमति दी जाए।
इस पर ईरानी विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार समेत अन्य देशों के अनुरोध को मानते हुए जमीनी सीमाओं को खोल दिया है।
ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान स्थिति और देश के हवाई अड्डों के बंद होने के साथ-साथ कई राजनीतिक मिशनों ने अपने राजनयिकों और नागरिकों को विदेश स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।
इसे देखते हुए, सूचित किया जाता है कि सभी भूमि सीमाएं पार करने के लिए खुली हैं।
ईरान में फंसे भारतीयों को उसकी देश की सीमा से लगती अर्मेनिया, अफगानिस्तान, अजरबैजान और तुर्कमेनिस्तान से निकाला जाएगा।
तेहरान ने भारत सरकार से सीमा पार करने वाले भारतीयों के नाम, पासपोर्ट नंबर और वाहन की जानकारी मांगी है। यह उसके जनरल प्रोटोकॉल विभाग को देनी होगी।
ईरान ने यात्रा का समय और वांछित सीमा के बारे में भी पूछा है, ताकि राजनयिकों, नागरिकों और छात्रों की निकासी के समय सुरक्षा की व्यवस्था की जा सके।
बता दें कि ईरान में 1,500 छात्र समेत 10,000 से अधिक भारतीय फंसे हैं। अधिकतर छात्र जम्मू-कश्मीर के हैं।
भारतीय दूतावास ने ईरान में फंसे भारतीयों को न घबराने, सावधानी बरतने और दूतावास के संपर्क में बने रहने को कहा है।
दूतावास ने अपने एक्स अकाउंट पर गूगल फॉर्म भी उपलब्ध कराया और भारतीय नागरिकों से इसे भरकर अपना विवरण देने को कहा है।
दूतावास ने एक टेलीग्राम लिंक भी उपलब्ध कराया और ईरान में भारतीय नागरिकों से मिशन से स्थिति पर अपडेट प्राप्त करने के लिए इसमें शामिल होने के लिए कहा।