नई दिल्ली , एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूरÓ के बाद तबाह हुई पाकिस्तानी वायुसेना को फिर से खड़ा करने के लिए अमेरिका ने गुप्त रूप से मदद का हाथ बढ़ाया है। हालांकि, इस सनसनीखेज दावे को लेकर किसी भी पक्ष से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्रवाई पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी, जिसके तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तानी क्षेत्र में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।
इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना को भारी सैन्य क्षति उठानी पड़ी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तान के एक साब ईरी 2000 ्रङ्ख्रष्टस् (एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) विमान, एक लॉकहीड सी-130 परिवहन विमान और कम से कम चार एफ-16 लड़ाकू विमानों को नुकसान पहुँचा। इसके अतिरिक्त, कई रडार सिस्टम और एयर डिफेंस यूनिट्स के भी तबाह होने की बात कही गई है।
बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तानी वायुसेना के भोलारी एयरबेस को हुआ, जहाँ हैंगर में खड़ा एक एफ-16 विमान भी हमले की चपेट में आ गया था।
रिपोर्ट में पाकिस्तानी रक्षा सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि भोलारी एयरबेस पर क्षतिग्रस्त हुए ईरी विमान की मरम्मत के लिए अमेरिकी वायुसेना के इंजीनियरों की एक टीम तत्काल पाकिस्तान पहुँची थी। इस मरम्मत और अपग्रेडेशन के काम के लिए पाकिस्तान द्वारा 400 से 470 मिलियन डॉलर की एक बड़ी राशि को गुप्त आपातकालीन फंड से मंजूरी दी गई थी। रिपोर्ट यह भी कहती है कि अमेरिका ने कथित तौर पर इस मरम्मत कार्य में चीन को शामिल होने से रोक दिया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद अमेरिका ने दोहा, अबू धाबी और मैरीलैंड में स्थित अपने एयरबेस से विशेषज्ञों की टीमें पाकिस्तान भेजी थीं। फिलहाल यह कहा जा रहा है कि अधिकांश नुकसान की भरपाई की जा चुकी है।
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