नई दिल्ली , भारतीय पासपोर्ट की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है। जुलाई 2025 के लिए जारी हुई प्रतिष्ठित हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में भारत ने जनवरी के मुकाबले 8 स्थानों की लंबी छलांग लगाई है। इस सुधार के साथ भारत की रैंकिंग 85वें से सुधरकर 77वें स्थान पर पहुंच गई है। अब भारतीय पासपोर्ट धारक दुनिया के 59 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं।
वैश्विक रैंकिंग में सिंगापुर ने एक बार फिर अपना दबदबा कायम रखते हुए शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। सिंगापुर के पासपोर्ट धारकों को दुनिया के 227 गंतव्यों में से 193 में वीजा-मुक्त पहुंच प्राप्त है। इस सूची में एशियाई देशों का दबदबा कायम है, जिसमें जापान और दक्षिण कोरिया संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं। इन दोनों देशों के नागरिक 190 देशों में बिना वीजा के जा सकते हैं। यह रैंकिंग अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (ढ्ढ्रञ्ज्र) के आंकड़ों पर आधारित होती है।
नई रैंकिंग के अनुसार, भारत की वीजा-मुक्त पहुंच वाले देशों की सूची में केवल दो नए स्थानों की वृद्धि हुई है। इसके बावजूद, रैंकिंग में यह बड़ा सुधार भारत की बढ़ती राजनयिक पहुंच और विभिन्न देशों के साथ मजबूत हुए द्विपक्षीय समझौतों को दर्शाता है। रैंकिंग में सऊदी अरब को भी फायदा हुआ है और वह 91 गंतव्यों के साथ चार स्थान चढ़कर 54वें पायदान पर पहुंच गया है।
इस बीच, दुनिया के सबसे शक्तिशाली माने जाने वाले देशों, अमेरिका और ब्रिटेन, की रैंकिंग में गिरावट का दौर जारी है। यूनाइटेड किंगडम (्य) फिसलकर छठे स्थान पर आ गया है, जो 186 देशों को वीजा-मुक्त पहुंच प्रदान करता है। वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका (स््र) अब 182 गंतव्यों तक पहुंच के साथ 10वें स्थान पर है। पिछले एक दशक में इन दोनों देशों की रैंकिंग में लगातार गिरावट देखी गई है, और अब यह खतरा मंडरा रहा है कि अमेरिका जल्द ही टॉप-10 की सूची से बाहर हो सकता है।