उत्तराखंड

गन्ना बुआई के लिये नई प्रजातियों के चुनाव की दी जानकारी

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काशीपुर। प्रदेश स्तरीय गन्ना षक गोष्ठी में शरद कालीन गन्ना बुआई के लिए नवीनतम प्रजातियों के चुनाव समेत नई तकनीक और जैविक षि को बढ़ावा देने की जानकारी दी। इस दौरान किसानों से जैविक खेती करने का आह्वान किया। बुधवार को गन्ना किसान संस्थान और प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग कार्यालय के बहुउद्देशीय भवन में एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय गन्ना षकों की गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग हंसा दत्त पांडे ने की। आयुक्त पांडे ने बताया कि गन्ना विभाग में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। किसानों को एसएमएस के माध्यम से पर्ची जारी की जा रही है। इससे षकों को काफी सुविधा हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक षक जैविक खेती करें। किसान खेत में गोबर की खाद डालें और जैविक रसायन का प्रयोग करें। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद् शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश के संयुक्त निदेशक ड़ सुभाष चन्द्र सिंह ने बताया कि किसान गन्ने की खेती करने से पहले खेत का समतलीकरण करें, मृदा परीक्षण के आधार पर भूमि के पोषक तत्व का प्रबंधन करें। हरी खाद का प्रयोग करें। नमी मापक यंत्र से मृदा में नमी परीक्षण के बाद सिंचाई करें, खरपतवार नियंत्रण पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने जैविक षि क्यों करें, कैसे करें इस पर प्रकाश डाला। मुजफ्फरनगर स्थित गन्ना शोध केन्द्र के वैज्ञानिक ड़ ओएस जोशी ने गन्ने की प्रजाति 0238 के बदलाव की बात की। इसमें रेडराट दिख रहा है, इसलिए गन्ना किसान को़ 0118, को़ 15023 तथा कोलख़ 14201 पर विशेष ध्यान दें। ड़ यशवीर सिंह ने गन्ने में होने वाली विभिन्न बीमारियों और उसके निदान पर प्रकाश डाला। गोष्ठी में संयुक्त गन्ना एवं चीनी आयुक्त हिमानी पाठक, प्रचार एवं जनसंपर्क अधिकारी नीलेश कुमार, हरिद्वार देहरादून एवं ऊधमसिंह नगर के सहायक गन्ना आयुक्त सहित गन्ना किसान, गन्ना विकास विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

 

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