कोटद्वार-पौड़ी

नवाचार और रचनात्मकता आज अपने शिखर पर : अवस्थी

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श्रीनगर गढ़वाल : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड में विश्व बौद्धिक संपदा दिवस व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर संस्थान के आईपीआर सेल की ओर से आयोजित व्याख्यान में विशेषज्ञों ने छात्रों एवं संकाय सदस्यों को बौद्धिक सम्पदा के महत्व और संरक्षण के विभिन्न पहलुओं जैसे कि पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और डिजाइन आदि के बारे में जागरूक किया।
कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि एनआईटी निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि नवाचार और रचनात्मकता आज अपने शिखर पर है। एनआईटी, आईआईटी जैसे उच्च तकनीकी संस्थानों में रचनात्मकता, नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को विकसित करने और छात्रों को नवप्रवर्तक, आउट-ऑफ-द-बॉक्स विचारक और रचनात्मक समस्या समाधानकर्ता के रूप में तैयार करने के लिए संकाय सदस्यों द्वारा ठोस प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने संस्थान के युवा छात्रों से नए आविष्कारों पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि वे मानव-वन्य जीव संघर्ष, भू-धंसाव, भूस्खलन, वनाग्नि, पलायन जैसे उत्तराखंड राज्य से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए लोगों के अनुकूल नवाचार और रचनात्मक समाधान लेकर आएं और उसका पेटेंट फाइल करें। उन्होंने कहा कि यह न केवल राष्ट्र के विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार के प्रयासों का पूरक होगा बल्कि संस्थान की रैंकिंग में उछाल और अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने में भी सहायक होगा। सिडबी इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर, आईआईटी कानपुर के रिसर्च इस्टैब्लिशमेंट ऑफीसर रवि पांडेय ने शैक्षिक संस्थानों में आईपीआर प्रबंधन शीर्षक पर अपना व्याख्यान देते हुए पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और डिजाइन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। एनआईटी जालंधर के आईपीआर सेल के समन्वयक डा. कुलदीप सिंह नगला ने बौद्धिक संपदा अधिकार: महत्व और वर्गीकरण शीर्षक पर अपना व्याख्यान दिया। (एजेंसी)

 

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