निष्ठुर हो गई ममता, नवजात को ठुकराया
थलीसैंण क्षेत्र के रौली गांव में गदेरे में फेंका नवजात
थलीसैंण पुलिस ने किया अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज, जांच शुरू
पौड़ी। थाना थलीसैंण क्षेत्र के रौली गांव में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। यहां गांव के समीप बह रहे गदेरे में डाट पुल के नीचे एक दिन की नवजात बच्ची मिली है। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने नवजात बच्चे को सीएचसी थलीसैंण में भर्ती कराया। जिसे बाद में बेस अस्पताल श्रीनगर रैफर कर दिया गया। बेस अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची स्वस्थ है।
थाना थलीसैंण के रौली गांव में ग्रामीणों ने गांव के समीप के गदेरे में डाल पुल के नीचे किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनी। पुल के पास पहुंचने पर ग्रामीणों ने देखा कि पुल के नीचे एक नवजात शिशु कपड़ों में लपेट कर रखा है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पंहुची थलीसैंण पुलिस ने देखा कि नवजात घ्शिशु बच्ची है। जिसे पुलिस उपचार के लिए सीएचसी थलीसैंण ले आई। यहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेस अस्पताल श्रीनगर रैफर कर दिया। जिसे फिर बेस अस्पताल श्रीनगर भर्ती कराया गया। जहां उपचार के बाद चिकित्सकों ने नवजात बच्ची को स्वस्थ बताया। वहीं मामले में कार्यवाही करते हुए ग्राम प्रधान की तहरीर पर थलीसैंण पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसआई बबलू चौहान ने बताया कि नवजात शिशु को माता-पिता या संरक्षक द्वारा असुरक्षित छोड़ दिए जाने की धारा के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों को जल्द तलाश कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इधर बेस अस्पताल श्रीनगर के बाल रोग विभागाध्यक्ष डा़ व्यास राठोड़ ने बताया कि बच्ची का वजन 2 किलो है, और बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
बेटी या नाजायज के चलते फेंकी गई
पौड़ी। मानवता को शर्मशार करने वाली घटना में ग्रामीणों कहना है कि नवजात को बेटी या नाजायज होने के चलते फेंक दिया गया होगा। उन्होंने आरोपियों की पहचान कर जल्द सजा दिए जाने की मांग की है। वहीं इस घटना पर महिलाओं ने खासी नाराजगी व्यक्त की है।
– देवभूमि में इस तरह की घटनाएं शर्मनाक हैं। पढ़े लिखे समाज में यह घटना एक कलंक है, इससे स्पष्ट होताहै कि हम अभी भी दिमागी रुप से बीमार हैं। आरोपियों के खिलाफ जल्द सख्त कार्रवाईकी जानी चाहिए।
डा़ रजनी रावत, ब्लाक प्रमुख पाबौ।