ठेकेदारों का जल संस्थान के समक्ष धरना
बागेश्वर। ठेकेदार संगठन पेयजल निगम व जलसंस्थान ने सोमवार को जलसंस्थान कार्यालय के समक्ष धरना दिया। उन्होंने कहा कि विभागीय निविदा दरों का पुर्नमूल्यांकन जल निगम की तर्ज पर किया जाए। 25 प्रतिशत धनराशि का भुगतान किया जाए और पाइपों की जांच विभाग करें। ठेकेदारों ने नारेबाजी के साथ धरना दिया। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत प्रथम चरण के कार्यों में विभागीय ठेकेदारों ने पुरानी दरों पर कार्य किया। जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। जबकि विभागों के पास नई दरें आ गई हैं। बावजूद पुरानी दरों पर टेंडर करवाए जा रहे हैं। जल निगम जोकि जल जीवन मिशन का नोडल विभाग है। 25 प्रतिशत की धनराशि का भुगतान रोका गया है। अधिकारियों के अनुसार थर्ड पार्टी के बाद भुगतान होगा। जबकि जल संस्थान 25 प्रतिशत के अलावा पांच प्रतिशत अतिरिक्त काट रहा है। ठेकेदार पाइप आदि अन्य सामान अपने खर्च पर ला रहे हैं। विभाग अनुबंध करते समय सामग्री का दस प्रतिशत जमानत राशि भी ले रहा है। जबकि अन्य विभागों में यह प्रावधान नहीं है। इसके अलावा पाइपों की जांच के नाम पर चार हजार रुपये प्रति पाइप, 18 प्रतिशत जीएसटी भी मांगी जा रही है। पांच प्रतिशत का अंशदान भी काटा जा रहा है। इस दौरान गिरीश पाठक, प्रकाश सिंह, नीमा देवी, किशन कठायत, गणेश कार्की, मथुरा प्रसाद, गंगा सिंह कोरंगा आदि मौजूद थे।