देहरादून। राज्य के माध्यमिक स्कूलों में डॉ.शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति और श्री देव सुमन राज्य योग्यता छात्रवृत्ति सिर्फ नौवीं और 10वीं के छात्रों को ही मिल रही है। जबकि इसे 11वीं और 12वीं में भी अंक प्रतिशत की बाध्यता के साथ जारी रखने की व्यवस्था है। लेकिन दसवीं के बाद छात्रवृत्ति जारी रखने के लिए बजट की मांग तक नहीं की जा रही है। इससे बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इंटरमीडिएट स्तर पर छात्रवृत्ति लेने से वंचित रह जा रहे हैं। इन दोनों ही छात्रवृत्ति के लिए आठवीं कक्षा में अध्ययनरत छात्रों की राज्य स्तरीय परीक्षा होती है। जिसमें डॉ.शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति के लिए 100 और श्री देव सुमन राज्य योग्यता छात्रवृत्ति के लिए प्रदेशभर के 475 छात्र-छात्राओं का चयन किया जाता है। डॉ.शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति परीक्षा की मेरिट में आने वाले छात्रों को 1500 रुपये प्रतिमाह और श्री देव सुमन राज्य योग्यता छात्रवृत्ति में चयनित होने वाले छात्रों को 1000 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति दी जाती है। यह छात्रवृत्ति 12वीं उर्त्तीण करने तक देने की व्यवस्था है। लेकिन जिलों से 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने के लिए बजट की मांग ही नहीं की जा रही है। मामला सामने आने पर सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को बजट की मांग करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि छात्रवृत्ति 10वीं के बाद भी जारी रहे। निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ.मुकुल कुमार सती ने कहा कि विभाग के पास पर्याप्त बजट है। मंडलीय स्तर से 30 सितंबर तक छात्रवृत्ति भुगतान हेतु बजट की डिमांड भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिलों को ऐसे छात्रों की सूची भी सत्यापन के लिए भेजी गई है, जो छात्रवृत्ति लेने की योग्यता रखते हैं। यह है मानक छात्रवृत्ति में चयन होने के बाद नौवीं से लेकर 11वीं तक की कक्षा में छात्र के उत्तीर्ण प्रतिशत का मानक तय किया गया है। नौवीं और 11वीं में छात्रवृत्ति के लिए चयनित छात्र वार्षिक परीक्षा में 50 प्रतिशत (आरक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत) अंक लाता है तो 10वीं अथवा 12वीं में भी छात्रवृत्ति जारी रहेगी। इसी तरह 10वीं की बोर्ड परीक्षा में छात्र-छात्रा के 55 प्रतिशत(आरक्षित वर्ग के लिए 45 प्रतिशत) अंक से अधिक आते हैं तो 11वीं में भी छात्रवृत्ति जारी रहेगी।