श्रीनगर गढ़वाल : वीर चंद्र सिंह गढ़वाली आयुर्विज्ञान संस्थान, श्रीनगर में मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट (एम.आर.यू.) में चल रहे शोध कार्यों की निदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं संस्थान के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने गहन समीक्षा की। बतौर एग्जीक्यूटिव समिति के अध्यक्ष, डॉ. सयाना ने समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए चालू रिसर्च प्रोजेक्ट्स के तकनीकी पहलुओं, वित्तीय स्थिति, शोध प्रशिक्षण और विभागीय योगदान पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में डॉ. सयाना ने शोध कार्य की दिशा में महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय को बढ़ावा दिया जाय। संस्थान के विभिन्न विभागों में आपसी तालमेल और अन्य शैक्षणिक/वैज्ञानिक संस्थानों के साथ साझा शोध को गति देने की आवश्यकता जताई गई।
हिमालय क्षेत्र की दुर्लभ औषधीय वनस्पतियों पर आधारित हर्बल रिसर्च प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता देते हुए, उनके सक्रिय तत्वों का वैज्ञानिक अध्ययन और अन्य संस्थाओं के साथ संयुक्त प्रयासों पर बल दिया गया। स्थानीय पारंपरिक ज्ञान को वैज्ञानिक मान्यता पर फोकस करते हुए उत्तराखण्ड की पीढ़ियों से चली आ रही पारंपरिक चिकित्सा विधियों और जीवनशैली का संकलन कर उसे स्वास्थ्य सेवाओं में एकीकृत करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए गए। डॉ. सयाना ने एम.आर.यू. के शोध प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इन अनुसंधानों का स्वास्थ्य क्षेत्र में दीर्घकालिक प्रभाव देखने को मिलेगा। उन्होंने शोधकर्ताओं से अपेक्षा की कि वे वैज्ञानिक गुणवत्ता, जन स्वास्थ्य हित, पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए नवाचार पर बल दें। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दीपक कुमार द्विवेदी द्वारा एम.आर.यू. के सभी शोध परियोजनाओं का विस्तृत पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। बैठक में नोडल अधिकारी डॉ. कैलाश गैरोला, डॉ. अनिल द्विवेदी, डॉ. सचान भट्ट, कामेंद्र स्वरूप, वैज्ञानिक व तकनीकी अधिकारी उपस्थित रहे। (एजेंसी)