15 दिसंबर से नहीं शुरू होंगी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें
-देश में पिछले साल 23 मार्च से निलंबित हैं अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें
-विशेष यात्री उड़ानों का किया जाएगा संचालन
नई दिल्ली, एजेंसी: देश में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन अभी फिलहाल पहले के तरह ही किया जाएगा। बीते दिनों नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि दिसंबर के तीसरे हफ्ते यानी 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर शुरू की जा सकती है। लेकिन इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। देश में पिछले साल 23 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित हैं। गौरतलब है कि भारत से करीब 28 देशों के साथ एयर बबल व्यवस्था के तहत पिछले साल जुलाई से विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों का संचालन किया जा रहा है। बीते शुक्रवार नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने के मुद्दे पर गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य-परिवार कल्याण मंत्रालय ने सहमति जताई है। जिसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन शुरू हो सकता है। लेकिन फिलहाल इस मामले में परिस्थितियां, मौजूदा व्यवस्था के अनुसार ही बने रहने की संभावना है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संबंधित मंत्रालय और अधिकारियों से इस विषय पर समीक्षा करने के लिए कहा था।
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‘प्रोएक्टिव’ रहने की जरूरत
एक बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना के मुद्दे पर ‘प्रोएक्टिव’ रहने की जरूरत जताई थी। साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी और निर्देशों के मुताबिक, यात्रियों की जांच पर जोर दिया था।
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क्या है एयर बबल व्यवस्था
“एयर बबल” या “हवाई यात्रा व्यवस्था” दो देशों के बीच अस्थायी व्यवस्था है। जिसका मकसद कर्मिशियल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करना है। जिस वक्त उडश्कऊ-19 महामारी के चलते नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ाने निलंबित हैं। ऐसे में व्यवस्था के तहत दोनों देशों की एयरलाइन सेवाओं को बराबर फायदा पहुंचाने के लिए यह इंतजाम किया गया है।
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ट्रैवल बैन करने से नहीं रुकेगा ओमिक्रॉन: डब्ल्यूएचओ
-कोरोना के नए वैरिएंट के चलते कई देशों ने अफ्रीकी देशों समेत अन्य को डाला है ट्रैवल बैन की सूची में
नई दिल्ली, एजेंसी : कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर जहां एक तरफ पूरी दुनिया सर्तक है और इसकी रोकथाम के उपाय करने में लगी है, वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन इन उपायों से नाखुश नजर आ रहा है। दरअसल, ओमिक्रॉन वैरिएंट के मद्देनजर कई देश अफ्रीकी देशों समेत कुछ अन्य देशों को ट्रैवल बैन की सूची में डाल चुके हैं। इन देशों के इसी फैसले से विश्व स्वास्थ्य संगठन दुखी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ट्रैवल बैन करने से समस्या को रोका नहीं जा सकता है। इससे लोगों की खासतौर पर गरीब देशों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। लोग फिर से बेरोजगारी समेत दूसरी कई चीजों के जोखिम को सहने को मजबूर हो जाएंगे। इस फैसले से लोगों के ऊपर दबाव बढ़ जाएगा। पहले से ही वैश्विक अर्थव्यवस्था काफी दबाव का सामना कर रही है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर मौजूद इंटरनेशनल ट्रैवल एडवाइस फॉर कोविड-19 ओमिक्रॉन वैरिएंट में कहा गया है कि ट्रैवल बैन करने से विश्व की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। बेहतर होगा कि विभिन्न देश ट्रैवल बैन न करके इस वैरिएंट की रोकथाम के लिए दूसरे उपाय करें। वैरिएंट की जीनोम सिक्वेंसिंग और अपडेट डाटा के जरिये भी इसको रोकने में मदद मिल सकती है। इससे इस वैरिएंट के प्रभाव और मौजूदा स्वरूप को भी समझने में मदद मिल सकेगी।