ऋषिकेश। अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के पांचवें दिन बुधवार को 372 भारतीय और 38 विदेशी साधकों ने विभिन्न सत्रों में योगाभ्यास किया। योगाचार्यों ने साधकों को प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि सहित विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास कराते हुए योग से होने वाले लाभ के बारे में भी बताया। मुनिकीरेती में जीएमवीएन की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के प्रथम सत्र में मानव उत्थान सेवा समिति के महात्मा सत्यबोधानंद ने कहा कि जब तक हम अपने अंतःकरण को पवित्र नहीं करेंगे, तब तक हमारे विचारों में शुद्धता नहीं आ सकती है। धर्म प्रचारिका कौशल्या देवी ने कहा कि योग हमारी प्राचीन जीवन शैली है, जो कि ऋषि-मुनियों द्वारा मानवता को दी गयी अमूल्य धरोहर है। दूसरे सत्र में योगाचार्य कपिल संघी ने साधकों को अभ्यास कराते हुए कहा कि मन की गति कुछ और है और प्रकृति की गति कुछ और। जीवन में तभी आगे बढ़ा जा सकता है जब हम अपनी और प्रकृति की गति में तालमेल बिठा सकें। योगाचार्य विपिन जोशी ने कहा कि आज मनुष्य अर्थ कमाना तो सीख गया है किन्तु जीवन जीना भूलता जा रहा है। प्राचीन ऋषि-मुनि परम्परा के योग विज्ञान, अध्यात्म, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा ही आदर्श जीवन जिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सही खान-पान, सदआचरण, सदव्यवहार ही आदर्श जीवन के आधार हैं। योगीराज अजय राणा ने कहा कि संतुलित भोजन करने से व्यक्ति रोगों से दूर रहकर स्वस्थ जीवन जी सकता है। योगीनी उषा माता ने योग साधकों को कठिन योगाभ्यास कराते हुए कहा कि साधना से जीवन निखरता है। आचार्य रोहित ब्रह्मचारी द्वारा योग प्रतिभागियों को आनंद योग साधना का अभ्यास कराया गया।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
योग महोत्सव के पांचवे दिन जीएमवीएन के एमडी विशाल मिश्रा, महाप्रबंधक प्रशासन विप्रा त्रिवेदी, महाप्रबंधक पर्यटन दयानन्द सरस्वती, सहायक प्रधान प्रबंधक एसपीएस रावत, वरिष्ठ प्रबंधक कार्मिक विश्वनाथ बेंजवाल, वित्त एवं लेखाधिकारी चिंतामणी भट्ट, रघुवीर सिंह राणा, दीपक रावत, गिरवीर सिंह रावत, विमला रावत, अनिता मेवाड, भारत भूषण कुकरेती, कैलाश कोठारी, आरपी ढौंडियाल, मुकेश उनियाल, विजय नेगी, विनोद राणा, मेहरबान सिंह रांगड़, आशुतोष नेगी, मुकेश बेनीवाल, अजयकांत शर्मा, हिमांशु डिंगिया आदि उपस्थित रहे।
परमार्थ निकेतन में योग महोत्सव नौ मार्च से
परमार्थ निकेतन में 9 से 15 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव होगा, जिसके लिए भारत सहित मैक्सिको, नार्वे, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, बेलारूस, बेल्जियम, कनाडा, इक्वाडोर, फ्रांस, आइसलैंड, आयरलैंड, जापान, लेबनान, मेक्सिको, नॉर्वे, पुर्तगाल, रोमेनिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड, वेनेजुएला, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, क्रोएशिया, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, उरुग्वे आदि अनेक देशों के योग जिज्ञासु का आना शुरू हो गया है। बुधवार को परमार्थ निकेतन में पहुंच रहे विदेशी साधकों ने अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया।