कोविशील्ड की डोज में 12 हफ्ते से ज्यादा का अंतराल कारगर? जानें क्या बोले एम्स डायरेक्टर

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नई दिल्ली एजेंसी/टीम डिजिटल। केंद्र सरकार ने कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच गैप को 6-8 हफ्ते बढ़ाकर 12-16 हफ्ते कर दिया है। एक्सपर्ट कमिटी ने ये गैप बढ़ाने की सिफारिश की थी जिसे केंद्र ने स्वीकर किया है। इस गैप के बढ़ने के बाद कई लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि कहीं ये गैप केवल इसलिए तो नहीं किया क्योंकि अभी वैक्सीन की कमी है। इस विषय में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान एम्स निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि उपलब्ध डेटा के आधार पर अंतराल बढ़ाना व्यवहारिक रूप से ठीक है।
उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं 12 हफ्ते से ज्यादा का अंतराल कारगर है, लेकिन इसके लिए रेंज जरूरी है। जैसे 12-14 या 12-16 हफ्ते। क्योंकी सभी को 12 हफ्ते के अंतराल में वैक्सीन की दूसरी डोज लग जाए ऐसा भी संभव नहीं है, इसलिए रेंज जरूरी है। कमिटी ने आंकड़ों का अध्ययन करके ही 16 हफ्ते तक का रेंज तय किया है। डॉक्टर गुलेरिया ने इस गैप को आंकड़ों के आधार पर और डिलिवरी सिस्टम के आधार पर व्यवहारिक बताया है।
डॉक्टर गुलेरिया से पूछा गया कि जब 12 हफ्ते के गैप से अच्छे नतीजे आने वाली बात फरवरी में ही सामने आ गई थी तब इसे क्यों नहीं बढ़ाया गया? इस पर डॉक्टर गुलरिया ने कहा कि तब कमिटी में आम सहमति नहीं बन सकी थी। उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में ही ये बात सामने आई, लेकिन कुछ अन्य देश जैसे कनाडा से इसके और आंकड़े सामने आए। फरवरी में लैंसेंट का आर्टिकल आया, इसके बाद कमिटी में इस पर चर्चा हुई। लेकिन आम सहमति नहीं बन सकी।
कोवैक्सीन के लिए नहीं बढ़ा है गैप
बता दें कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कोविशील्ड टीके की दो डोज लगवाने के बीच के समयांतर को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की घोषणा की। मंत्रालय ने कहा, लेकिन कोवैक्सीन के दो डोज के समयांतर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
वास्तविक समय के साक्ष्यों, विशेष रूप से ब्रिटेन से प्राप्त, के आधार पर कोविड-19 कार्य समूह कोविशील्ड टीके के दो डोज के बीच समयांतर को बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करने पर राजी हो गया है। कोवैक्सीन के दो डोज के बीच समयांतर में बदलाव की कोई सिफारिश नहीं की गयी है।

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