उत्तराखंड

बागेश्वर में अवैध खनन की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट पहुंची

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नैनीताल। हाईकोर्ट में बागेश्वर की कपकोट तहसील में खनन माफियाओं के द्वारा अवैध खड़िया खनन के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। शुक्रवार को कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पूर्व में लगाई गई रोक को आगे जारी रखा और उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट की एक प्रति जनहित याचिका के पक्षकारों को देने के निर्देश दिए। खंडपीठ ने कहा कि जनहित याचिका में अब तक जिन पक्षकारों के जवाब नहीं आए हैं, वह जवाब पेश करें। मामले में अगली सुनवाई कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर 13 अक्तूबर को होगी। मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी हीरासिंह पपोला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है, कि बागेश्वर जिले की कपकोट तहसील के रिमाघाटी, गुलामप्रगड व भीयूं गांव में सरकार की ओर से खनन पट्टा दिया गया है। जिसमें खनन माफिया मात्रा से अधिक अवैध खनन कर रहे हैं। अवैध खनन को बाहर ले जाने के लिए वन भूमि पर अवैध रूप से सड़क भी बनाई गई है। अंधाधुंध हो रहे खनन के चलते गांव के जलस्रोत सूखने की कगार पर पहुंच चुके हैं। याचिकाकर्ता का कहना है, कि अवैध रूप से किए जा रहे खनन से होने वाले दुष्प्रभाव से गांव को बचाया जाए।

 

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