उत्तराखंड

फर्जी सिम मामले में जांच शुरू, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है मामला

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काशीपुर। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के दावों के बीच बाजपुर और दिनेशपुर के दुकानदार फर्जी सिम एक्टीवेट कर रहे थे। साथ ही मोटा मुनाफा भी कमा रहे थे। फर्जी सिम एक्टीवेट करना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला भी होता है। ऐसे में कंपनी के नोडल अधिकारी ने दुकानदारों को चिह्नित कर कोतवाली में केस दर्ज करा लिया है। ऊधमसिंह नगर जिले में फर्जी दस्तावेज पर एक्टीवेटेड सिम पुलिस और साइबर सेल के लिए बड़ी चुनौती बनी हैं। साइबर अपराधी इन फर्जी सिम का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। वहीं, संगठित गिरोह के अपराधी भी इनमें एक्टीवेट सिम का इस्तेमाल कर थ्रेट कल कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार फर्जी सिम का इस्तेमाल पहले भी काफी किया जाता था, जिसे देखते हुए ट्राइ ने नियमों को सख्त किया था। इसके बाद से काफी हद तक फर्जी सिम का इस्तेमाल बंद हो गया। लेकिन, हाल के दिनों में सिम एक्टीवेट करने की नई प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इसके तहत भोले-भाले लोगों को मोहरा बनाया जाता है। ऐसे में जब कोई क्राइम होता है, तो फिर जिन भोले-भाले लोगों के नाम से सिम एक्टीवेट होते हैं वह जाल में फंसते हैं और क्राइम करने वाला आसानी से बच जाता है। बाजपुर में फर्जी तरीके से सिम एक्टीवेट कराने की जांच एसएसआई विक्रम धामी कर रहे हैं। उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा मामले की पूरी निष्पक्षता से जांच होगी। जो भी दोषी हैं वे जल्द सलाखों के पीटे जाएंगे।

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