कोटद्वार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बोले जिला सहकारी बैंक के निवर्तमान अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जिला सहकारी बैंक के निवर्तमान अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोआपरेटिव सोसाइटी (एलयूसीसी) के द्वार किए गए घपलों की जांच करवाई जा रही है। उक्त कंपनी से सरकार का कोई संबंध नहीं है। कहा कि निवेशकों को न्याय दिलवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। जनता के साथ धोखा करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गुरुवार को नरेंद्र सिंह रावत ने देवी रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एलयूसीसी को सरकार से जोड़ रहे हैं। लेकिन, इस कंपनी का सरकार से कोई संबंध नहीं है। चिट फंड कंपनियों का पंजीकरण सहकारिता में नहीं होता। कहा कि यह जरूरी नहीं है कि जिन कंपनियों के आगे या पीछे कापारेटिव लगता है वह सरकार के अधीन आती हो। कहा कि प्रकरण सामने आया है कि एलयूसीसी नामक एक कंपनी धोखाधड़ी कर निवेशकों का पैसा लेकर फरार हो गई है। जब इस बारे में काबीना मंत्री डा. धन सिंह रावत को मालूम हुआ तो उन्होंने तुरंत डीजीपी उत्तराखंड से वार्ता कर निवेशकों को न्याय दिवालने के निर्देश दिए। एलयूसीसी को सहकारी समितियों से जोड़ना गलत है। सहकारी समिति का निबंधन जिला सहायक निबंधक कार्यालय पौड़ी व उप निबंधक गढ़वाल द्वारा पंजीकरण किया जाता है। जिसका अपना एक बोर्ड होता है। सहकारी समितियां जो भी कार्य करती हैं उनका संबंध जिला सहकारी बैंक से होता है। साथ ही बैंक का भी अपना स्वायत्य बोर्ड होता है, जिसका निर्णय वह स्वयं लेता है। ऐसे में गबन में सहकारी मंत्री का नाम जोड़ना गलत है। बताया कि न्याय पंचायत स्तर पर जो सहकारी समितियां है उनका कार्य काश्तकारों को क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कम दर पर ऋण देना, दीन दयाल उपाध्याय योजना के तहत किसानों को जीरो प्रतिशत पर ऋण देना आदि शामिल है। समितियों द्वारा किसी भी प्रकार से शेयर मार्केट में पैसा नहीं लगाया जाता। साथ ही इसके बायलोज में ऐसा कोई प्रवाधान भी नहीं है। कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत स्वयं काबीना मंत्री डा. धन सिंह रावत के विकास कार्यों की सराहना कर चुके हैं। प्रदेश में लगातार शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास कार्य हो रहे हैं। जिसकी जनता भी लगातार सराहना रही है।